Dausa Road Accident: राजस्थान के दौसा जिले में खाटूश्याम मंदिर से दर्शन कर लौट रही पिकअप वैन की ट्रक से टक्कर में 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिनमें 7 बच्चे और 4 महिलाएं शामिल हैं। तेज रफ्तार और ओवरलोडिंग हादसे का प्रमुख कारण बताए गए हैं। 

Dausa Road Accident Khatushyam Devotees : राजस्थान के दौसा जिले में जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर हुए एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. खाटूश्याम जी के दर्शन कर अपने घर लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी एक पिकअप वैन एक खड़े कंटेनर से टकरा गई, जिसमें 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. मरने वालों में 7 मासूम बच्चे और 4 महिलाएं शामिल हैं. इस हादसे ने 4 परिवारों की खुशियों को हमेशा के लिए छीन लिया है, उनके घर में अब सिर्फ पुरुषों का रोना-धोना बचा है.

खामोश हुई हंसी, मातम में बदल गई भक्ति

एटा (उत्तर प्रदेश) से खाटूश्याम गए 45 श्रद्धालुओं का समूह दो पिकअप गाड़ियों में वापस लौट रहा था. रात के समय, जब सभी नींद में थे, तभी दौसा के बापी गांव के पास एक पिकअप वैन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े कंटेनर में जा घुसी. टक्कर इतनी भीषण थी कि आवाज सुनकर आसपास के लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. चश्मदीदों के मुताबिक, "यह आवाज किसी बम फटने जैसी थी. इसके बाद बच्चों और महिलाओं की चीखें सुनाई देने लगीं." यह चीखें केवल दर्द की नहीं थीं, बल्कि उन परिवारों की उम्मीदों और सपनों के टूटने की भी थीं.

हादसे के बाद का मंजर दिल दहला देने वाला था. चारों तरफ खून बिखरा हुआ था. घायल लोग एक-दूसरे के ऊपर पड़े थे. पिकअप में मौजूद 25 लोगों में से 10 ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया था, जबकि एक ने अस्पताल में आखिरी सांस ली. इस हादसे में 14 लोग बुरी तरह घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है.

4 परिवारों के घर में पसरा सन्नाटा

इस हादसे ने सबसे ज्यादा कहर 4 परिवारों पर बरपाया है. जिन पुरुषों ने खाटूश्याम के दर्शन के लिए अपनी पत्नियों और बच्चों को खुशी-खुशी विदा किया था, अब उनके सामने सिर्फ उनके बेजान शरीर थे. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "जब दूसरी पिकअप में सवार पुरुष घटनास्थल पर पहुंचे और अपने परिजनों को देखा, तो वे बेसुध हो गए. कोई अपने बच्चे को गोद में लेकर रो रहा था, तो कोई अपनी पत्नी को उठाने की कोशिश कर रहा था." ये वो पुरुष थे, जिनके जीवन का सबसे बड़ा सहारा, उनकी पत्नी और बच्चों की हंसी अब हमेशा के लिए खामोश हो चुकी थी. उनके घर में अब सिर्फ पुरुषों का विलाप और खालीपन बचा है.

'ओवर स्पीड' और 'लापरवाही' बनी काल

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह दर्दनाक हादसा ड्राइवर को झपकी आने और ओवर स्पीड के कारण हुआ. लेकिन, एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. पिकअप वैन में ड्राइवर ने ज्यादा सवारियां बैठाने के लिए पीछे की तरफ लकड़ी के दो फट्टे लगा रखे थे. कुछ लोग नीचे बैठे थे, तो कुछ फट्टों के ऊपर. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पीछे बैठे लोग सीधे कंटेनर के अंदर घुस गए, जिसके कारण इतनी बड़ी संख्या में मौतें हुईं. अगर ड्राइवर ने लापरवाही न बरती होती और अधिक सवारियां बैठाने के लिए जुगाड़ न किया होता, तो शायद इन 11 लोगों की जान बचाई जा सकती थी.

'मैं कहां हूं, क्या हुआ है?'

  • हादसे में घायल हुई एक महिला ने जब होश संभाला तो उसे पता ही नहीं था कि उसके साथ क्या हुआ है, वह लोगों से बार-बार पूछ रही थी, "मैं कहां हूं, क्या हुआ है?" उसकी आंखों में डर और भ्रम साफ दिख रहा था. लेकिन, जब उसे पता चला कि उसने अपनी आंखों के सामने अपने कई अपनों को खो दिया है, तो वह भी फूट-फूट कर रोने लगी. दौसा में हुए इस हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सड़कों पर होने वाली लापरवाही किस तरह मासूम जिंदगियों को लील जाती है. यह हादसा उन सभी के लिए एक सबक है जो रफ्तार और लापरवाही को अपनी जिंदगी पर हावी होने देते हैं.
  • यह दर्दनाक मंजर न केवल इन परिवारों के लिए, बल्कि मानवता के लिए भी एक गहरा सदमा है. क्या हम इस घटना से सबक लेंगे और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोक पाएंगे?