सार
राजस्थान के पाली जिले में एक मंदिर में भंडारे के आयोजन के दौरान दलितों और उच्च वर्ग के लोगों के भोजन की अलग-अलग व्यवस्था पर हंगामा। मंदिर ट्रस्ट के कुछ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज।
पाली। राजस्थान में दलितों पर अत्याचार के मामले थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले सप्ताह प्रतापगढ़ में 21 साल की दलित आदिवासी गर्भवती महिला को नग्न कर गांव में घुमाने के मामले के बाद अब पाली जिले में नया मामला सामने आया है। पाली में दलित समाज के लोगों का आरोप है मंदिर में आयोजन पर उच्च वर्ग को ऊपर बैठाकर भोजन कराया गया था और दलित वर्ग को जमीन पर बैठाया गया था। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में हंगामा
पाली में एक मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल दलित समाज के लोगों ने उच्च समाज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले की जांच मारवाड़ जंक्शन पुलिस कर रही है। पुलिस ने बताया कि सूरजाराम मेघवाल नाम के व्यक्ति ने मंदिर से जुड़े कुछ लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
पढ़ें. राजस्थान में दलित ने बयां किया दर्द, डीएसपी ने चेहरे पर पेशाब की, MLA ने जूते चटवाए…
मंदिर में सामूहिक भोजन में दलितों से भेदभाव
आरोप है कि 29 अगस्त को गांव के मंदिर में एक सामूहिक भोजन रखा गया था। इससे पहले गांव में दो बार मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में दलित समाज के लोगों को भी बुलाया गया था और कहा गया था कि मंदिर सभी का है इसलिए आयोजन भी सभी को है। दलित समाज के सूरजराम मेघवाल का आरोप है कि 29 अगस्त को जब आयोजन हुआ तो भोजन के दौरान मंदिर में अलग-अलग बंदोबस्त किए गए थए।
दलितों को जमीन में बैठाकर भोजन कराने का आरोप
आरोप है कि दलित समाज के लिए भोजन की व्यवस्था जमीन पर की गई थी, जबकि उच्च वर्ग के लोगों के लिए मेज-कुर्सी पर भोजन की व्यवस्था थी। इस बात का विरोध करने पर उच्च समाज ने दलित समाज के लोगों को अपशब्द कहे। उधर पुलिस ने कहा कि दलित समाज की ओर से कई आरोप लगाए गए हैं। केस दर्ज कर आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है।