सार
डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है, राजस्थान के जोधपुर में डॉक्टरों ने एक 9 दिन के बच्चे को ऐसे मौत के मुंह से निकाला कि सब उसे चमत्कार मान रहे हैं। बच्चे का शरीर नीला पड़ चुका था और दिल की धमनियां भी उल्टी हो चुकी थी।
जोधपुर. राजस्थान में अब महानगरों की तर्ज पर हॉस्पिटल में बड़े-बड़े ऑपरेशन भी होने लगे हैं ऐसे ऑपरेशन जो होना असंभव हो उनमें भी राजस्थान को कामयाबी मिल रही है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जोधपुर जिले से सामने आया है। जहां के डॉक्टर्स ने 9 दिन के मासूम की जान बचा ली। इतना ही नहीं अब वह मासूम पूरी तरह से स्वस्थ है।
नीला पड़ चुका था मासूम का शरीर... दिल की धमनियां भी उल्टी हो चुकी थी
दरअसल, मासूम का शरीर नीला पड़ने और फेफड़ों तक खून नहीं पहुंचने की समस्या थी। साथ ही उसके दिल की धमनियां भी उल्टी हो चुकी थी। इससे शरीर में होने वाले ब्लड सर्कुलेशन में भी बदलाव आने लगा तो ऑक्सीजन की कमी भी होने लगी। जिसके चलते ऑक्सीजन युक्त ब्लड नहीं पहुंच पाने के चलते मासूम का रंग नीला पड़ गया ऐसे में उसका हार्ट फेल होने का भी खतरा था।
ऑक्सीजन लेवल 50% से बढ़कर 82% तक हो गया था
पहले बच्चे को जोधपुर के एम्स हॉस्पिटल ले जाया गया। उसके बाद उसे इलाज के लिए मथुरादास हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। ऐसे में डॉक्टर ने बैलून द्वारा एट्रियल सेप्टम को चौड़ा किया। जिससे मासूम का ऑक्सीजन लेवल जो पहले 40 से 50% वह बढ़कर 80 से 82% तक हो गया। इस मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पिछले 6 महीने से लगातार मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत जो छोटे बच्चे के हार्ट संबंधी ऑपरेशन किए जा रहे हैं। जिनमें कई जटिल ऑपरेशन भी अब तक हो चुके हैं। आपको बता दे की 9 दिन के मासूम की जान को बचाने वाले टीम में करीब आधा दर्जन डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ शामिल रहा।