सार

राजस्थान में भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उस वक्त हर किसी की आंखों से आंसू निकलने लगे, जब सिमरन का नाम लिया गया। क्योंकि सिमरन की मौत हो चुकी है, अब मौत के बाद उसे कॉलेज में गोल्ड मैडल दिया गया।

भरतपुर (राजस्थान). ये सिमरन है और भरतपुर जिले की रहने वाली है। सिमरन की मौत के बाद उसे मैडल मिल रहे हैं वह भी छोटे मोटे नहीं कॉलेज स्तर के। बुधवार को जिले के बड़े सरकारी कॉलेज में गोल्ड मैडल और अन्य इनामों के लिए उसका नाम पुकारा गया तो साथियों, स्टाफ और परिवार के लोग अपनी आखें नम होने से नहीं रोक सके। ये मैडल परिवार के लोगों ने लिए और अपने आसंू पोछते हुए मंच से नीचे आए। दरअसल सिमरन की कोरोना काल में साइलेंट अटैक के कारण मौत हो गई थी। लेकिन मौत के बाद अब परिवार को कॉलेज वालों का फोन आया तो सिमरन एक बार फिर से जीवंत हो गई।

मौत के बाद लोगों ने रोते हुए बजाईं तालियां

दरअसल महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन कॉलेज ने बुधवार को किया था। मंच से आयोजकों ने जब गोल्ड मैडल के लिए सिमरन का नाम लिया तो एक बार तो पूरे पांडाल में शांति छा गई। फिर सिमरन की जगह उसका भाई नवजोत आया और मैडल लिया तो जोरदार तालियां बजी। बाद में वहां मौजूद लोग अपने आसं पोंछते हुए नजर आए। कुछ देर के बाद एक और मैडल के लिए सिमरन को पुकारा गया तो फिर से नवजोत पहुंचा। सिमरन इसी कॉलेज की छात्रा थी और पढ़ने में बहुत होशियार थीं। उसने अपने विषयों में टॉप किया था और उसके बाद उसने सरकारी नौकरियों की तैयारी की। पहले ही प्रयास में उसकी पोस्ट औफिस की जॉब भी मिल गई लेकिन उसने ज्वाइन नहीं किया।

आईएएस बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही थी लेकिन...हर गई जिंदगी

सिमरन का सपना था आईएएस बनना और वह पूरी तैयारी पर भरोसा करती थी। नवजोत ने बताया कि परिवार ने भी उसका सपोर्ट किया और उसे जॉब ज्वाइन करने के लिए प्रेशर नहीं किया। लेकिन पिछले साल अचानक पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल जाने के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टर्स ने कहा साइलेंट अटैक आया है। सिमरन के भाई नवजोत ने बताया कि उसे न तो कभी कोरोना हुआ। साथ ही उसने दोनो डोज भी ले ली थी।