सार

धौलपुर में एक फर्जी एसडीएम ने नौकरी का झांसा देकर महिला से ₹24,000 ठगे। हैरानी की बात यह है कि यह ठग पहले भी फर्जी आईपीएस बनकर कलेक्टर से सम्मानित हो चुका है।

धौलपुर. निहालगंज थाना पुलिस ने एक ऐसे साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने फर्जी एसडीएम अधिकारी बनकर नौकरी के नाम पर एक महिला से 24,000 रुपये ठग लिए। आरोपी की पहचान सरजीत सिंह (35), निवासी खेमरी, जिला धौलपुर के रूप में हुई है। दिलचस्प बात यह है कि यह ठग पहले भी खुद को फर्जी आईपीएस अधिकारी बताकर भरतपुर कलेक्टर से सम्मानित हो चुका है।

नौकरी का झांसा देकर की ठगी

थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह ने बताया कि पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी संदीप शर्मा (फर्जी नाम) ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर उसे नौकरी का लालच दिया। आरोपी ने महिला को भरोसा दिलाया कि वह 27 अप्रैल 2024 को सरकारी पद पर जॉइन कर सकती है। महिला से ठगी की रकम अलग-अलग किस्तों में ली गई, जिनमें कुछ राशि फोन पे के माध्यम से ट्रांसफर की गई थी।

नौकरी का वादा झूठा निकला

नौकरी के लिए बताए गए दिन बीतने के बाद, जब महिला ने आरोपी से संपर्क करने की कोशिश की, तो वह फरार हो गया। पीड़िता को ठगी का एहसास हुआ और उसने 5 मई 2024 को निहालगंज थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तुरंत जांच शुरू की और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी का पता लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

पहले भी कर चुका है फर्जीवाड़ा

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी का आपराधिक इतिहास रहा है। उसने पहले भी खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर सरकारी अधिकारियों को धोखा दिया और भरतपुर कलेक्टर से सम्मानित तक हो चुका है। पुलिस अब आरोपी से अन्य मामलों में भी पूछताछ कर रही है और ठगी के मामलों की कड़ी जोड़ने का प्रयास कर रही है।

फर्जीवाड़े की गहरी साजिश

थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी बड़े ही शातिर तरीके से सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को ठगता था। उसकी गिरफ्तारी से कई और ठगी के मामलों का खुलासा हो सकता है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान व्यक्तियों पर भरोसा न करें और नौकरी दिलाने के झूठे वादों से सतर्क रहें।

 

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