राजस्थान के वीर: हर घर से एक फौजी, जानिए इन अद्भुत गांवों की कहानी
amazing villages in Indian Army soldier : राजस्थान के कई गांवों में हर घर से एक फौजी निकलता है। बच्चों को बचपन से ही सेना में भर्ती होने के लिए तैयार किया जाता है। ये गांव देशभक्ति की मिसाल हैं। Know the village story of Indian Army soldiers

देश के लिए मर-मिटने वाले फौजियों के गांव
ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर आंतिकवादियों के ठिकाने तबाह करने वाले भारतीय सेना के जवानों की तारीफ हो रही है। इसी बीच जानिए राजस्थान के उस गांव के बारे में जिसे "फौजियों की फैक्ट्री" कहा जाता है।
यहां हर घर में एक सैनिक
राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र – झुंझुनूं, सीकर और चूरू जैसे जिले के कई गांव की मिट्टी से देश के लिए मर-मिटने वाले फौजी निकिलते हैं। यहां हर घर में एक सैनिक होता है।
बच्चों को बचपन से दी जाती NDA और सेना की ट्रेनिंग
इन जिलों के गांवों में हर दूसरा घर सेना को समर्पित है। बच्चों को बचपन से ही NDA और सेना भर्ती की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां तक कि कई गांव ऐसे हैं जहां से 100 से भी ज्यादा जवान भारतीय सेना, नेवी और एयरफोर्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
झुंझुनूं का जखराना गांव एक मिसाल
झुंझुनूं के जखराना गांव से हर साल दर्जनों युवा NDA और सेना में चयनित होते हैं। वहीं, सीकर के ओजटू गांव और चूरू के बिदासर गांव में सेना में जाने का जुनून ऐसा है कि रोटियों के साथ बंदूकें भी विरासत में मिलती हैं।
भारत की हर फोर्स में गांव के लड़के
अलवर, धौलपुर, बीकानेर, और जोधपुर के भी कई गांव ऐसे हैं जहां से हर साल युवा सेना में भर्ती होते हैं। इनमें डेरोटी (अलवर) और निहालपुरा (धौलपुर) जैसे गांवों का नाम सबसे ऊपर आता है। यहाँ के युवा राजपूताना रेजीमेंट, जाट रेजीमेंट और BSF जैसी फोर्सेज़ का अहम हिस्सा हैं।
यहां बच्चों को दूध से पहले देशभक्ति पिलाई जाती
इन इलाकों में आज भी एक कहावत चलती है —"यहां बच्चों को दूध से पहले देशभक्ति पिलाई जाती है।" राजस्थान के इन फौजी गांवों की कहानियां सिर्फ प्रेरणादायक नहीं, बल्कि देश को यह भरोसा भी दिलाती हैं कि जब भी ज़रूरत पड़ी, राजस्थान का जवान सरहद पर सबसे पहले खड़ा मिलेगा।