सार
होली खुशियों का त्यौहार है, जहां पूरा परिवार एक साथ इस फेस्टिवल को सेलिब्रेट करता है। लेकिन राजस्थान में एक गांव ऐसा भी है, जहां होली के दिन पुरुषों को बाहर निकाल दिया जाता है। सिर्फ महिलाएं ही पूरे दिन राज करती हैं।
टोंक. राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में आज होली का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। आज हम सोशल मीडिया पर कभी फोटो जैसे देखेंगे जिनमें पति-पत्नी एक-दूसरे के कलर लगाते हुए नजर आएंगे। लेकिन क्या आपको पता है राजस्थान में एक गांव ऐसा भी है जहां होली के दिन केवल महिलाएं ही होली खेलते हुए नजर आएगी। क्योंकि पुरुषों को तो होली के दिन गांव से धक्के देकर बाहर निकाल दिया जाता है।
परंपरा पिछले 200 सालों से चली आ रही
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के टोंक जिले के नगर गांव की। यहां ऐसी परंपरा पिछले 200 सालों से चली आ रही है। केवल गांव की महिलाएं ही गांव के चौक पर होली खेलती है। गांव के पुरुष इन महिलाओं को देखना तो दूर बल्कि इनके साथ होली भी नहीं खेल सकते। केवल बुजुर्ग और बच्चों को ही गांव में रहने की परमिशन होती है। होली खेलने का प्रोग्राम गांव में सुबह से ही शुरू हो जाता है। इसके बाद पुरुषों को धक्के देकर चामुंडा माता के दर्शन करने के लिए भेज दिया जाता है। देर शाम को सभी गांव के पुरुष वापस अपने घरों को लौटते हैं।
जानिए क्या है इसके पीछे की खास वजह
हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें इस परंपरा के बारे में कुछ भी नहीं पता कि आखिर यह तो चली आ रही है और इस तरह से इस परंपरा की शुरुआत हुई। लेकिन उनके पूर्वजों ने ऐसा ही किया था अब वह भी ठीक ऐसा ही करेंगे। आपको बता दें कि इस दिन गांव में चौक में एक बड़ी कढ़ाई रखी जाती है। इसमें ही रंग घोला जाता है जो महिलाएं एक-दूसरे को लगाती है।