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कौन है ये IAS अफसर जिसने बनाया अनोखा रिकॉर्ड, अब तक कोई नहीं तोड़ पाया, बिना कोचिंग क्रेक की UPSC
UPSC सिविल सेवा परीक्षा देशी की सबसे कठिन परीक्षा है। जिसे क्रैक करने के लिए लोगों को सालों बीत जाती हैं। क्योंकि इसे पास करके वो आईएएस अफसर जो बनते हं। लेकिन राजस्थान के एक आईएएस ने सबसे अनूठा रिकॉर्ड बनाया है जिसे 6 साल में कोई भी नहीं तोड़ पाया
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जयपुर. आपने आईएएस और आईपीएस के संघर्ष की कई कहानियां सुनी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में पढ़ाई करने वाले एक आईएएस अफसर के नाम एक ऐसा अनूठा रिकॉर्ड है जिसे पिछले 6 सालों में कोई भी नहीं तोड़ पाया है। जब बात आईएएस अफसर बनने के लिए हासिल करने वाले नंबरों की आती है तो सबसे पहले एक ही आईएएस अफसर का नाम आता है। हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर अनुदीप दूरीशेट्टी की।
अनुदीप मूल रूप से तेलंगाना प्रदेश के रहने वाले हैं। लेकिन उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित पिलानी के बिट्स पिलानी इंस्टीट्यूट से अपनी पढ़ाई की है। उन्होंने बिट्स पिलानी में 2011 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन में बीटेक किया हुआ है। इतना ही नहीं आईएएस बनने के पहले वह आईआरएस भी बन चुके हैं। सबसे ताज्जुब की बात तो यह है कि इन्होंने 2500 में से 1126 नंबर हासिल किए थे।
यह ऐसा अनूठा रिकॉर्ड है जिसे अब तक कोई भी आईएएस अफसर नहीं तोड़ पाया है। आपको बता दें कि जिस इंस्टिट्यूट में इस आईएएस अफसर ने पढ़ाई की है वह इंस्टीट्यूट राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखता है। इस इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले कई स्टूडेंट नासा और इसरो जैसे बड़े संस्थानों में भी वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं। यह इंस्टिट्यूट देश के उद्योगपति बिरला संस्थान द्वारा संचालित किया जा रहा है।
बता दें कि अनुदीप ने एक इंटरव्यू के दैरान कहा था कि वह शुरू से ही IAS बनना चाहते थे, इसलिए वे IRS बनने के बाद भी यूपीएससी की परीक्षा देते रहे। साल 2014 और 2015 में अनुदीप ने फिर से यूपीएससी परीक्षा दी।लेकिन इसे क्रैक करने के उनके प्रयास असफल रहे। अनुदीप कभी निराश नहीं हुए, बल्कि और ज्यादा आत्म विश्वास के साथ पढ़ाई करने लगे। जिसका परिणाम यह हुआ कि 2017 में वे यूपीएससी टॉप करते हुए पहली रैंक प्राप्त की।
आईएएस अफसर बनने से पहले अनुदीप दूरीशेट्टी बी.टेक की डिग्री हासिल करने के बाद गूगल में नौकरी लग गई थी। उन्होंने वहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया। इतनी अच्छी जॉब लगने के बाद भी उनका मन नहीं भरा। क्योंकि उनको तो आईएएस बनना था।
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