सार
राजस्थान न्यूज। राजस्थान के बीकानेर जिले में भारत और पाकिस्तान बॉर्डर के पास स्थित महाजन फायरिंग रेंज में आज से भारत और अमेरिका के बीच अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू हो चुका है। 20 वीं बार दोनों देशों के बीच यह अभ्यास होने जा रहा है। इसी के तहत यहां हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम तैनात किया जा रहा है।
मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता करीब 310 किलोमीटर है। यहां तक कि यूक्रेन युद्ध के दौरान इसी सिस्टम को उपयोग में लिया गया था। आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच युद्ध अभ्यास के दौरान भारत के 600 और अमेरिका के 600 सैनिक एक साथ जमीन से लेकर आसमान तक अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही दोनों देशों के सैनिक एक साथ मिलकर दुश्मन को मार गिराने के लिए अभ्यास करेंगे। इस अभ्यास से भारत के दो सबसे बड़े दुश्मन देश पाकिस्तान और चीन को खास मैसेज भी मिलेगा कि वो किसी भी तरह बॉर्डर पर अवैध गतिविधी करने से बचने की कोशिश करें। वरना उन्हें इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है।
छुपे आतंकियों को ढूंढ कर मारने वाला ड्रोन
आज परेड के साथ इस युद्धाभ्यास की शुरुआत होगी। इस युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिक गांव में छुपे आतंकियों को ढूंढ कर मारने और ड्रोन से होने वाले हमलों से बचाव के लिए अभ्यास भी करेंगे। आपको बता दे कि राजस्थान में इससे पहले देश की सेना कई देशों के सैनिकों के साथ पहले भी युद्ध अभ्यास कर चुकी है।
किसने लिया था तरंग शक्ति युद्ध अभ्यास में हिस्सा?
हाल ही में जोधपुर में रूस सहित करीब आधा दर्जन से ज्यादा देश की सेना ने तरंग शक्ति युद्ध अभ्यास में हिस्सा लिया था। राजस्थान में युद्धाभ्यास होने का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि यहां जो फायरिंग रेंज और एयरबेस बने हुए हैं वह अन्य क्षेत्र की तुलना में काफी ज्यादा एरिया में फैले हुए हैं। युद्ध अभ्यास में काफी एरिया कवर करने के बाद भी सामान्य कार्यों के लिए स्पेस रहता है।
ये भी पढ़ें: भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर युद्धाभ्यास: क्या है 'तरंग शक्ति 2024' की खास बात?