सार
अभी तक आपने जुड़वा भाइयों की कहानी फिल्मों में देखी होगी। लेकिन राजस्थान से एक ऐसी रियल स्टोरी है, जो फिल्मों को भी मात दे देगी। दो भाई जो एक साथ पैदा हुए एक साथ स्कूल-कॉलेज गए…एक ही साथ नौकरी भी लगी, अब साथ रिटायर भी हो गए।
अलवर. जुड़वा बच्चों के बारे में खूब सुना और पढ़ा होगा। जुड़वा को लेकर कई फिल्में भी बनीं, लेकिन अब आपको बताते हैं कि असली जुड़वा क्या होता है......। साठ साल के ये दो भाई हैं जुड़वा......। दोनो 30 अप्रेल को राजस्थान पुलिस से रिटायर हुए हैं। एक जैसा चेहरा, एक सी कदकाठी, एक सी आदतें और अब रिटायरमेंट भी एक साथ......। नाम हैं भीम और अर्जुन....। तीस अप्रेल को राजस्थान पुलिस के हैड़ कांस्टेबल के पद से दोनो साथ रिटायर हुए हैं।
भीम और अर्जुन की कहानी फिल्मों सी....
दरअसल अलवर जिले के मुंडावर कस्बे में 25 अप्रेल 1964 को जुड़वा भाईयों का जन्म हुआ। परिवार ने नाम दिया भीम और अर्जुन....। उसके बाद साथ स्कूल गए, साथ कॉलेज गए और फिर 1986 में एक ही साथ राजस्थान पुलिस के सिपाही बने। भीम को पहली पोस्टिंग टोंक जिले में मिली और अर्जुन को पहली पोस्टिंग अलवर में मिली। उसके बाद दोनो ने अलग अलग जिलों में काम किया। अब कुछ महीनों से दोनो अलवर में पुलिस लाइन में तैनात किए गए। इस बीच दोनो भाईयों का प्रमोशन भी हुआ और दोनो कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल बना दिए गए। अब 38 साल पुलिस में नौकरी करने के बाद 30 अप्रेल को दोनो एक साथ ही रिटायर हुए हैं।
आधा परिवार पुलिस में, कुछ मेडिकल फील्ड में और कुछ टीचर
भीम और अर्जुन के पांच बच्चे हैं। बड़े भाई भीम के दो बेटे जिनमें एक आर्मी में मेडिकल में सूबेदार है और बहू नर्सिंग अफसर है। छोटा बेटा विका रेलवे में है और बहू प्राईवेट टीचर है। छोटे भाई अर्जुन के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा प्रतीक राजस्थान पुलिस में है और बहू प्राईवेट टीचर है। छोटा बेटा पीयूष सीआरपीएफ में है।
जुड़वा भाइयों की लाइफ दिलचस्प है
भीम और अर्जुन के साथियों ने बताया कि 38 साल की नौकरी में दस से ज्यादा बार पोस्टिंग और तबादले हुए। लेकिन आधे से ज्यादा तबादलों में दोनो भाई साथ ही रहे। कभी भी किसी के खिलाफ शिकायत नहीं आई। ट्रेक रिकॉर्ड एक दम साफ ही रहा। अब दोनो गांव में बने घर में रह रहे हैं।