Jagat Shiromani Temple: जयपुर के आमेर स्थित जगत शिरोमणि मंदिर दुनिया का इकलौता मंदिर है, जहां श्रीकृष्ण राधा या रुक्मणी नहीं, बल्कि अपने प्रिए भक्त के साथ विराजमान हैं। यह मंदिर 1599-1608 के बीच महाराजा मानसिंह प्रथम की महारानी कनकवती ने बनवाया है।  

krishna janmashtami 2025 : जन्माष्टमी के अवसर पर देशभर में भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों में रौनक और उल्लास देखने को मिलता है। हर जगह राधा-कृष्ण की झांकियां और भजन-कीर्तन से माहौल भक्तिमय हो उठता है। लेकिन जयपुर जिले के आमेर में स्थित जगत शिरोमणि मंदिर अपनी एक अनोखी पहचान रखता है। यह विश्व का एकमात्र मंदिर है, जहां भगवान कृष्ण अपनी प्रिय भक्त मीराबाई के साथ विराजमान हैं।

जयपुर में मीरा और कृष्ण का अद्वितीय संगम

आमतौर पर देश के मंदिरों में कृष्ण के साथ राधा या रुक्मिणी की प्रतिमा होती है। मगर जगत शिरोमणि मंदिर की विशेषता यही है कि यहां श्रीकृष्ण के साथ उनकी आराधिका और भक्त कवयित्री मीराबाई की प्रतिमा स्थापित है। मान्यता है कि यही वही विग्रह है जिसकी आराधना मीरा ने चित्तौड़गढ़ में की थी।

राजस्थान के महान राजा की महारानी ने बनवाया था ये मंदिर

निर्माण की कहानी इतिहासकारों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण 16वीं सदी की शुरुआत में आमेर के शासक महाराजा मानसिंह प्रथम ने करवाया था। दरअसल, राजा की पत्नी महारानी कनकवती अपने पुत्र जगत सिंह की स्मृति को चिरस्थायी बनाना चाहती थीं। इसी कारण 1599 में इस मंदिर की नींव रखी गई और 1608 तक भव्य स्वरूप तैयार हुआ। मंदिर का नाम भी पुत्र की याद में "जगत शिरोमणि" रखा गया।

कला और वास्तुकला की अद्भुत मिसाल

  • मंदिर राजस्थानी और दक्षिण भारतीय वास्तुशिल्प का बेहतरीन उदाहरण है। सफेद संगमरमर और काले पत्थरों से निर्मित इस मंदिर की दीवारों पर हाथियों, घोड़ों और पुराणों से जुड़े दृश्यों की नक्काशी की गई है। मंदिर का तोरण द्वार अपनी कलात्मकता के लिए विश्वविख्यात है और इसे अद्वितीय बताया जाता है।
  • भक्तों की आस्था का केंद्र मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जन्माष्टमी पर मंदिर में विशेष सजावट होती है और दूर-दराज से भक्त यहां पहुंचकर श्रीकृष्ण-मीरा के दर्शन करते हैं। दिनभर भजन-कीर्तन और झांकियों से माहौल भक्तिमय बना रहता है।

फिल्मी दुनिया का भी आकर्षण है ये मंदिर

  • जगत शिरोमणि मंदिर सिर्फ धार्मिक आस्था का ही नहीं, बल्कि फिल्मी दुनिया का भी केंद्र रहा है। कई हिंदी फिल्मों जैसे धड़क, लम्हें, भूल भुलैया और हमराज की शूटिंग यहां हो चुकी है। यही वजह है कि पर्यटकों के लिए भी यह स्थान खास आकर्षण का केंद्र है।
  • जन्माष्टमी के अवसर पर जब पूरे देश में राधा-कृष्ण की लीलाएं गाई जाती हैं, तब आमेर का यह मंदिर इस बात की गवाही देता है कि भगवान अपने सच्चे भक्त को भी अपने साथ स्थान देते हैं। मीरा का कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति इस मंदिर के स्वरूप में आज भी जीवंत दिखाई देता है।