सार

राजस्थान में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे एक युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर 150 करोड़ रुपए से अधिक की जीएसटी चोरी की है। आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाकर यह घोटाला किया, और फिलहाल दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

जयपुर. राजस्थान के जयपुर में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे एक युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर 150 करोड़ से अधिक का घोटाला कर दिया है, आरोपियों ने जल्दी अमीर बनने के लिए तीन फर्जी कंपनियां बनाई और जीएसटी रिफंड के नाम पर करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी की, इस मामले में जीएसटी खुफिया निदेशालय द्वारा दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि टैक्स चोरी का यह मामला 1000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। 

फर्जी दस्तावेज से बनाई 3 कंपनियां

राजस्थान में जीएसटी चोरी को लेकर जीएसटी के खुफिया महानिदेशालय ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपियों ने राजस्थान में फर्जी दस्तावेजों के जरिए तीन कंपनियां बनाई और फिर इन्हीं कंपनियों के जरिए फर्जी बिल तैयार करके एक से डेढ़ साल के भीतर इनपुट टैक्स क्रेडिट और जीएसटी रिफंड के नाम पर 166 करोड रुपए के टैक्स की चोरी की गई।

26 साल का युवक निकला मास्टर माइंड

टैक्स की चोरी करने वाला मास्टरमाइंड राजस्थान का ही रहने वाला 26 साल का वीरेंद्र उर्फ कल्पेश कुमार है। जिसने अपने दो साथी कृष्ण कुमार और दिनेश के साथ मिलकर यह पूरा कारनामा किया। यहां तक की पूरे पैसे का लेनदेन वीरेंद्र के खुद के खाते से ही हुआ। यह फर्जीवाड़ा करीब 1 हजार करोड़ तक पहुंच सकता है।

सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था युवक

मास्टरमाइंड वीरेंद्र का घर बाड़मेर के ग्रामीण क्षेत्र के मुरटाला गांव में है। पिता हेमाराम खुद लोन पर एक ट्रैक्टर लिए हुए हैं और उसे चलाकर ही घर का पालन पोषण करते हैं। वहीं वीरेंद्र जयपुर में रहकर सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था और तैयारी के लिए पैसे भी घर से ही लेता था। हालांकि फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद वीरेंद्र और उसके एक साथी दिनेश कुमार को जीएसटी खुफिया निदेशालय द्वारा पकड़ा जा चुका है लेकिन तीसरा साथी अभी भी फरार है।

महाराष्ट्र में बनाई थी तीन कंपनियां

निदेशालय से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि वर्तमान में टैक्स चुराने वाली कंपनियों के खिलाफ अभियान जारी है। इसी के तहत सामने आया कि तीन कंपनियां महाराष्ट्र के पुणे में काम करती हैं लेकिन उनका ऑफिस अन्य राज्यों में है। इन्हीं कंपनियों के एड्रेस पर जब टीम जांच करने के लिए गई तो वहां कोई ऑफिस नहीं मिला।

बंद कंपनियों के नाम फर्जीवाड़ा

इसी बीच एक बड़ा इनपुट सामने आया कि करीब 54 कंपनियां जो पहले बंद हो चुकी हैं, उनके नाम पर करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। जब टीम ने रिकॉर्ड खंगाले तो अधिकारी खुद भी हैरान रह गए। उन्होंने देखा कि एक ही अकाउंट से देश भर में पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ है। फिलहाल अब खुफिया निदेशालय वीरेंद्र और उसके साथी से पूछताछ कर रहा है।

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