सार
जयपुर में मोहर्रम के पर्व पर सोने से बना ताजिया निकाला जाता है, जो सिटी पैलेस में रखा जाता है। इस शानदार परंपरा में ताजिया को हाथियों की सलामी भी दी जाती है और कई आयतों के साथ कर्बला का नक्शा भी बनाया जाता है।
जयपुर. देशभर में आज सुबह से मोहर्रम के पर्व पर मातमी धुनों का शोर है। दोपहर बाद मोहर्रम का जुलूस शुरू होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में सोने से बना मोहर्रम भी शामिल होगा। यह मोहर्रम राजस्थान की राजधानी जयपुर में निकाला जाता है। यहां मोहर्रम के पर्व पर जुलूस में वैसे तो 250 ताज़िए शामिल होते हैं लेकिन लोग ज्यादा सोने से बने ताज़िए को देखने के लिए आते हैं।
जयपुर के सिटी पैलेस में रखा जाता है यह ताजिया
यह ताजिया जयपुर के सिटी पैलेस में रखा जाता है। जिसमें करीब 10 किलो सोना और 60 किलो चांदी लगी हुई है। मोहर्रम के पर्व पर इसे हाथियों की सलामी भी दी जाती है। बताया जाता है कि इस दौरान के राजा रामसिंह ने अपनी बीमारी ठीक होने पर इसे तैयार करवाया था।156 साल से यह ताजिया जयपुर में निकाला जाता है। जिसमें 200 किलो शीशम लकड़ी की लगी हुई है। आज भी दो सरपंच और 11 पटेल की देखरेख में यह ताजिया निकाला जाता है।
आगरा रोड स्थित कब्रिस्तान तक निकलता है ताजिया
50 साल से इस ताजिया की देखरेख करने वाले इमामुद्दीन बताते हैं कि ताजिया पर्व पर मोहर्रम को कर्बला मैदान नहीं लाया जाता। इसे आगरा रोड स्थित कब्रिस्तान ले जाया जाता है जहां ठंडा करके हरफूल वापस लाया जाता है। हालांकि वहां इसकी जरी उतार दी जाती है और फिर इसे संभाल कर सालभर के लिए रख दिया जाता है।
जयपुर में ताजिया को दी जाती है 21 हाथियों की सलामी
इस ताजिया को मोहर्रम से 5 दिन पहले त्रिपोलिया गेट पर रखा जाता है। और जयपुर के घाट गेट इलाके में मोहल्ला महावतान में ताजिया को 21 हाथियों की सलामी दी जाती है और फिर इसे यहीं से उठाया जाता है। इस पर कुरान की कई आयत लिखी हुई है और इसके साथ ही कर्बला का नक्शा भी बनाया हुआ है।
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