सार

राजस्थान में गहलोत सरकार अपने कार्यकाल का आखिरी बजट की जल्द ही घोषणा करने वाली है। कांग्रेस सरकार इसकी तैयारी करने में लगी है। कयास लगाए जा रहे है कि सीएम अशोक गहलोत बजट में पांच नए जिले और दो संभाग बनाने की घोषणा कर सकते है।

जयपुर (jaipur). चुनावी साल और चुनावी बजट...। राजस्थान सरकार का दस फरवरी को बजट आ रहा है। बजट में कई बड़ी घोषणाएं तो होनी ही हैं साथ ही कई नए तोहफे भी सरकार दे सकती है। इनमें सबसे बड़ा तोहफा साबित हो सकता है नए जिलों की घोषणा। एक साथ ही लाखों लोगों को अपने पक्ष में इस एक घोषणा से किया जा सकता हैं। दस से ज्यादा बड़े इलाकों में से कुछ को जिला बनाने की तैयारी हैं। बताया जा रहा है कि चार से पांच नए जिलों के साथ ही दो संभाग भी नए बनाए जा सकते हैं । अभी राजस्थान में 33 जिले हैं।

इन दस नामों में से तय होंगे नए जिले राजस्थान में

प्रदेश में कोटपूतली, ब्यावर, बालोतरा, भिवाड़ी, नीम का थाना, कुचामन सिटी, सुजानगढ और फलौदी क्षेत्र नए जिले बनने की कतार में हैं। इनमें से पांच को जिला बनाया जा सकता है। सबसे आगे कोठपूतली का नाम है और उसके साथ ही बालोतरा, फलौदी, भिवाड़ी को भी जिला बनाया जा सकता है। 

इनको बनाए जा सकते है नए संभाग

इसके साथ ही दो नए संभाग सीकर और चित्तौडगढ़ बनाए जा सकते है। इस बारे में सरकार अंदर खाने कार्रवाई कर रही है। हांलाकि नए जिले बनाने के लिए सरकार ने सीनियर आईएएस अफसरों की टीम की जो कमेटी बनाई है, इस कमेटी ने अभी तक सरकार को अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। सीएम अशोक गहलोत 10 फरवरी को विधानसभा में अपना पांचवां और इस सरकार का अंतिम चुनावी बजट पेश करेंगे।

नया जिला बनने के बाद सरकार पर पडे़गा दबाव

नए जिले बनाने से सरकार इसलिए परहेज करती रही है क्योंकि नए जिले बनाने के बाद अरबों रुपयों का खर्च होता हैं। नए जिलों की घोषणा के बाद उनमें प्रशासनिक और पुलिस अफसरों की तैनाती के साथ ही हर सरकारी विभाग में नए तरीके से कर्मचारियों और अफसरों को तैनाती दी जाती हैं । नए ऑफिस बनाए जाते हैं। नई पोस्ट क्रियेट की जाती हैं। नए संसाधन और विकास का नया रोड मैप तैयार किया जाता है। सब कुछ जीरों से शुरू करना होता है। इस कारण नए जिले बनाने के बाद सरकार को तिजोरी के दोनो दरवाजे खोलने होते हैं।

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