सार
राजस्थान में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने है पर इससे पहले एक बार फिर कांग्रेस की आंतरिक कलह सामने आई है। अपनी ही पार्टी से बगावती देवर दिखाने के चलते पूर्व उप सीएम सचिन पायलट को रोज नए ऑफर मिल रहे है। अब एक और न्योता मिला। बोले- आ जाइए।
जयपुर (jaipur). राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने राजस्थान की राजनीति में एक नया भूचाल ला दिया है। पिछले 2 दिन से सचिन पायलट को आरएलपी पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दे रहे थे, लेकिन पायलट शामिल नहीं हुए। उन्होंने अपनी पार्टी से बगावत करना उचित समझा। उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ अनशन तैयार कर लिया है। कल वे शहीद स्मारक जयपुर पर अनशन पर बैठेंगे। लेकिन इसी बीच उनको एक और पार्टी से जुड़ने का न्योता मिला है।
हमारी पार्टी में आ जाइए, आपका सम्मान होगा
आरएलपी पार्टी के बाद अब एक और पार्टी है जिसने सचिन पायलट को अपनी और आने के लिए न्योता दिया है, यह पार्टी है बसपा। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने बयान दिया है कि अगर सचिन पायलट बसपा में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। कांग्रेस में उनका अपमान हो रहा है तो बसपा में उनका सम्मान होगा। सचिन पायलट ओबीसी है आखिर उनका मूल घर तो बसपा ही है। भगवान सिंह बाबा ने कहा कि सचिन पायलट आप बसपा में आए और पिछड़े वर्गों के अधिकारों पर साथ लड़ाई लड़े। हालांकि ना तो सांसद हनुमान बेनीवाल और नहीं बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह को सचिन पायलट ने कोई जवाब नहीं दिया है।
आलाकमान को अपनी छवि बचाने की चिंता
दरअसल सचिन पायलट के बगावती तेवर दिल्ली तक पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली से राजस्थान के प्रदेश प्रभारी सुरजीत सिंह रंधावा को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। यह भी कहा जा रहा है कि रंधावा आज ही सचिन पायलट को रोके ताकि वे यानी 11 अप्रैल को किसी भी तरह का अनशन नहीं कर सके, इससे पार्टी की छवि धूमिल होती नजर आएगी। उधर कांग्रेस में चल रही अंतरकलह पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी अपने-अपने बयान दिए हैं । नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ हो या पार्टी प्रवक्ता रामलाल शर्मा दोनों ने कहा है कि कांग्रेस के दिन पूरे हो चुके हैं। उनके ही नेता बगावत करने पर आ गए हैं।
इसलिए कर रहे अनशन
सबसे बड़ी बात यह है कि सचिन पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर 45 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगाए और इन्हीं घोटाले की जांच को लेकर वे अनशन पर बैठे रहे हैं। लेकिन ना तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और ना ही वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत....दोनों का ही इस मामले में अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। वसुंधरा राजे कोरोनावायरस पॉजिटिव है और अपने घर पर इलाज ले रही हैं। वहीं अशोक गहलोत भी पॉजिटिव थे लेकिन आज उनके रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
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