सार
राजस्थान में अडानी ग्रुप के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा। इस दौरान पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पुलवामा हमले के ऊपर अशोभनीय बात कर गए। जानिए प्रदेश प्रभारी ऐसा बयान क्यों दे गए।
जयपुर (jaipur news). अदानी और उनकी कंपनियों के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन में आज राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा विवादित बयान दे गए। चलो राजभवन का नारा देने वाले रंधावा पुलवामा हमले के बारे में पता नहीं क्या-क्या बोल गए। अपने भाषण के दौरान उन्होंने आने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट के फार्मूले का भी खुलासा कर दिया । अब पुलवामा हमले को लेकर रंधावा के बयान पर भारतीय जनता पार्टी के नेता धरने प्रदर्शन की तैयारी में जुट गए हैं।
अडानी ग्रुप के साथ केंद्र सरकार को घेरने के लिए किया प्रदर्शन
दरअसल अदानी और केंद्र सरकार को घेरने के मामले को लेकर आज राजस्थान की राजधानी जयपुर में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन था। वे लोग राजभवन घेरने की तैयारी में थे और सांकेतिक रूप से उन्होंने राजभवन का घेराव भी किया, हालांकि बाद में उन्हें पुलिस ने रोक लिया और उसके बाद यह धरना समाप्त कर दिया गया। लेकिन भारतीय जनता पार्टी कार्यालय से कुछ दूरी पर 22 गोदाम सर्किल के नजदीक धरने प्रदर्शन के दौरान मंच सजाया गया। मंच पर कांग्रेस के नेताओं ने अपने-अपने बयान दिए। इस दौरान सुखजिंदर सिंह रंधावा को भी बोलने का मौका मिला ।
पुलवामा हमले पर कह दी अशोभनीय बात
उन्होंने कहा कि पुलवामा सर्जिकल स्ट्राइक केंद्र सरकार के द्वारा चुनाव जीतने के लिए कराई गई थी , उन्होंने यहां तक कह दिया कि इसकी जांच होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। उधर टिकट के फार्मूले को लेकर रंधावा ने कहा कि यह तय है कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट मिलेगा। वे लोग टिकट के बारे में भूल जाएं जो नेताओं की चापलूसी करते हैं और उनके आगे पीछे डोलते रहते हैं। जनता के बीच पैठ रखने वाले नेता को ही टिकट के लिए चुना जाएगा ,यह पूरी तरह से निश्चित है ।
उल्लेखनीय है कि आज के धरने में रंधावा के अलावा राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा , कैबिनेट मंत्री महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास समेत कांग्रेस के कई मंत्री और नेता शामिल रहे बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद रहे । अडानी के मामले में पहले भी एसबीआई बैंक और एलआईसी के दफ्तर को घेरा जा चुका है।
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