सार
राजस्थान में विधानसभा सदन में पेश करने से पहले जारी राइट टू हेल्थ का विरोध शुरू हो गया था। अब बीस दिन से हड़ताल कर रहे निजी डॉक्टर्स को बड़ी सफलता मिली है। प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों में से कुछ शर्तें स्वीकार कर ली है।
जयपुर (jaipur news). राजस्थान से सबसे बड़ी खबर है। बीते बारह घंटों में सरकार के साथ तीन घंटे की वार्ता के बाद आखिर सरकार को निजी अस्पतालों के सामने झुकना पड गया है। निजी अस्पतालों की कई मांगे थी सरकार से आरटीएच बिल को लेकर, उस बिल में आठ से ज्यादा मांगे सरकार ने मान ली हैं। दोपहर बाद इस मामले में सरकार से एक बार फिर से वार्ता होनी है और इस वार्ता में इस पर समहति बननी है।
पिछले 20 दिनों से हड़ताल पर
दरअसल प्रदेश भर के अधिकतर निजी अस्पतालों के डॉक्टर पिछले बीस दिन से भी ज्यादा समय से राजधानी जयपुर में धरने प्रदर्शन कर रहे थे। रैलियां निकाल रहे थे और सरकार का विरोध कर रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान अधिकतार निजी अस्पताल बंद ही चल रहे थे। इस बंदी के दौरान हजारों ऑपरेशन टले गए थे और सरकारी अस्पतालों में भारी प्रेशर पड रहा था मरीजों का। सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने भी हडताल में निजी अस्पताल के चिकित्सकों का साथ दिया था।
बताया जा रहा है कि निजी अस्पतालों की आठ मांगे सरकार ने मान ली हैं। इन मांगों को मानने के बाद अब आरटीएच बिल पर ही संशय खड़ा हो रहा है। हांलाकि सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि इन आठ मागों को मानने के बाद अब राजस्थान सरकार ने आरटीएच बिल का ड्राफ्ट तैयार कर इसे जल्द से जल्द लागू करने की तैयारी कर ली है।
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