सार
राजस्थान में बिपरजॉय तूफान के चलते हुई बारिश का दौर भले ही थम गया है और तेज धूप निकल गई है जिसके चलते गर्मी पड़ने लगी है। लेकिन अब प्रदेश में प्री मानसून की इंट्री होने वाली है। इसके चलते कुछ इलाकों में बारिश तो कुछ में गर्मी का दौर जारी रहेगा।
जयपुर (jaipur news). राजस्थान में अरब सागर से आए तूफान बिपरजॉय ने जमकर तबाही मचाई। तूफान का असर यह रहा कि राजस्थान के 5 जिलों में बाढ़ के हालात हो गए। हालांकि दो दिन से बारिश का दौर थम गया है और राजस्थान में तेज धूप निकलना शुरू हो चुकी है। लेकिन ऐसा मौसम अब ज्यादा दिन नहीं रहने वाला है। क्योंकि अब एक-दो दिन में राजस्थान में मानसून की गतिविधियां शुरू हो जाएगी। जिनसे कि राजस्थान में कहीं तेज बारिश तो कहीं उमस और गर्मी से परेशान होना पड़ेगा। राजस्थान में आज से प्री मानसून की गतिविधियां शुरू हो जाएगी।
कोटा और भरतपुर इलाके से होगी राजस्थान में मानसून की इंट्री
राजस्थान में प्री मानसून की एंट्री भरतपुर और कोटा इलाके से होगी। शुक्रवार के दिन राजस्थान के झालावाड़,बूंदी सवाईमाधोपुर और दौसा जिले में मध्यम दर्जे तक की बारिश होने की संभावना है। इतना ही नहीं इस दौरान तेज हवाएं भी चल सकती है। मौसम केंद्र जयपुर की मानें तो 25 जून से राजस्थान के ज्यादातर इलाकों में प्री मानसून की गतिविधियां शुरू हो जाएगी। हालांकि पश्चिमी राजस्थान जैसे जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, सिरोही में आगामी 3 से 4 दिन मौसम शुष्क रहेगा। इस दौरान यहां गर्मी का असर रहने के साथ ही लोगों को उमस का एहसास भी होगा।
बिपरजॉय के बाद राजस्थान में फिर बढ़ने लगा गर्मी का पारा
फिलहाल तरी बात करें राजस्थान में मौसम की तो तापमान 40 डिग्री को पार कर चुका है। वर्तमान में राजस्थान का चूरू जिला सबसे गर्म है। जहां तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच चुका है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो राजस्थान में प्री मानसून की यह गतिविधियां करीब 1 सप्ताह तक चल सकती है। वहीं इस बार राजस्थान में मानसून की एंट्री देरी से हो सकती है। जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह तक राजस्थान में मानसून एक्टिव हो सकता है। हालांकि इस बार अंदेशा यह भी लगाया जा रहा है कि मानसून का असर थोड़ा कम रहेगा।
वहीं यदि बात की जाए राजस्थान में बिपरजॉय तूफान की। तो राजस्थान में इस बार तूफान के असर से कई इलाकों में 400 एमएम से ज्यादा बारिश हो चुकी है। यह बारिश इतनी है जो वहां मानसून में भी नहीं बरसती है। वही इस बारिश के असर से राजस्थान के करीब 15 प्रतिशत बांध भर चुके हैं। वहीं जिन इलाकों में इस तूफान से नुकसान हुआ है वहां के लोगों को सरकार जल्द से जल्द राहत देते हुए मुआवजा भी देगी।
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