सार

राजस्थान के लिए एक सर्वे के बाद चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई, जिसने प्रदेश को शर्मसार कर दिया। दरअसल प्रदेश में हर रोज करीब 60 करोड़ रुपए स्मोकिंग में खर्च किए जा रहे है। प्रदेश की 15 प्रतिशत आबादी हो चुकी है नशे कि आदि।

जयपुर (jaipur news). राजस्थान जहां लगातार विकास के क्षेत्र में नए-नए आयाम छू रहा है। राजधानी जयपुर में बड़े शहरों की तर्ज पर अब हॉस्पिटल और अन्य विकास के काम हो रहे हैं। इसके अलावा देश में राजस्थान ने अपनी अलग छाप छोड़ी है फिर चाहे बात एजुकेशन की हो या फिर स्पोर्ट्स की। लेकिन केंद्र में हुए एक सर्वे के बाद राजस्थान के लिए चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राजस्थान रोज करीब 60 करोड रुपए तो केवल सिगरेट पीने और गुटखा खाने में ही खर्च कर रहा है।

चौंकाने वाला है सर्वे टीम का खुलासा

यह सर्वे किया है नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे और टोबैको हेल्थ सर्वे की टीम ने। इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की करीब 15% आबादी यानी 1 करोड़ 21 लाख लोग डेली सिगरेट और गुटखे का सेवन कर रहे हैं। हालांकि इस रिपोर्ट में जिलेवार आंकड़े नहीं प्रदर्शित किए गए लेकिन सामने आया है कि नशा मुक्ति केंद्र पर लगातार जिन लोगों को ट्रीटमेंट करवाना हो उनकी संख्या बढ़ती जा रही है।

नशें के कारण बढ़ रही कैंसर पेशेंट की संख्या

वही राजस्थान में लगातार फेफड़ों के कैंसर के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हालांकि सिगरेट और गुटखे की लत के शिकार हो चुके लोग राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में ही ज्यादा है। इनमें 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक हर महीने प्रति व्यक्ति करीब ₹423 रुपए सिगरेट और गुटखे के सेवन में ही खर्च कर रहा है।

डराने वाला है नशा कन्ज्यूम करने वाला का आंकड़ा

आंकड़ों के मुताबिक राजधानी जयपुर में करीब 11 लाख लोग सिगरेट और गुटखे का सेवन करते हैं। इतना ही नहीं राजस्थान के हाडोती क्षेत्र जैसे कोटा और बूंदी और इसके अलावा चित्तौड़गढ़ जैसे इलाकों में तो लोग घरों में ही तंबाकू तैयार करते हैं। यहां के लोग पान मसाले के साथ मिलने वाले जर्दे को यूज नहीं कर आज भी उसी जर्दे को यूज में लेते हैं जो उन्होंने घर में तैयार किया हो। सर्वे के मुताबिक राजस्थान में आगामी सालों में यदि कोई अभियान नहीं चलाया जाते हैं तो यह आंकड़ा लगातार बढ़ेगा ही जिससे कि आंकड़े भी बढ़ते जाएंगे।