सार

प्रदेश मुखिया कांग्रेस सीएम अशोक गहलोत द्वारा वसुंधरा राजे को लेकर दिए गए एक बयान के बाद से ही राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से तूफान आ गया है। जहां अभी तक जुबानी जंग CM अशोक गहलोत और सचिन पायलट की चल रही थी अब पूर्व सीएम की भी इंट्री हो गई।

जयपुर (jaipur news). राजस्थान में जल्द ही करीब 6 महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पिछले कुछ समय से तो राजस्थान में जुबानी जंग केवल सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच ही चल रही थी। लेकिन इसी बीच अब राजस्थान में बयानबाजी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की एंट्री हो चुकी है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सीएम अशोक गहलोत के कांग्रेस सरकार बचाने के सहयोग पर अपनी बात रखी है।

सीएम के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने दी सफाई

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि गहलोत मेरी जो बढ़ाई कर रहे हैं। वह मेरे खिलाफ एक तरीके का षड्यंत्र ही है। इसके अलावा वसुंधरा राजे ने कहा है कि 2008 और 2018 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की खरीद.फरोख्त का आरोप लगाते हुए कहा है कि उस वक्त दोनों ही पार्टियां अल्पमत में थी। चाहते तो हम भी सरकार बना सकते थे लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।

2023 की हार से बचने को गढ़ रहे मनगढ़ंत कहानियां

वसुंधरा राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनके विधायकों ने पैसे लिए थे। यदि ऐसा कोई मामला है तो वह अपने उन विधायकों के खिलाफ जांच करवाएं। वहीं सीएम अशोक गहलोत द्वारा अमित शाह पर विधायकों की खरीद.फरोख्त का आरोप लगाने के मामले में वसुंधरा राजे ने कहा कि उनके जैसे सत्य और निष्ठावान शख्स पर इस तरीके के आरोप लगाना एकदम गलत है। गहलोत 2023 की ऐतिहासिक हार से बचने के लिए ऐसी मनगढ़ंत कहानियां रचते जा रहे हैं।

दरअसल आपको बता दें कि वसुंधरा राजे के इस तरह एक मुखर होकर सीएम अशोक गहलोत पर तंज कसने का सबसे बड़ा कारण है कि सीएम अशोक गहलोत ने धौलपुर में हुई एक सभा में कहा था कि 2020 में शोभारानी ने भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन नहीं दिया। जिसकी वजह से आज हम सरकार में बैठे हैं।