सार

राजस्थान के जालोर शहर में अग्निकांड की दर्दनाक घटना हुई। जिसमें परिवार की दो सगी बहनों की मौत हो गई। 9 महीने और 6 साल की बेटियों को झोपड़ी में छोड़ कर काम करने गए थे माता पिता। घटना के बाद दोनों पीट रहे माथा, उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे है।

जालौर (jalore news). खबर राजस्थान के जालौर जिले से है। जालौर के रानीवाड़ा थाना इलाके में आज सवेरे 6 साल और 9 महीने की दो बच्चियां जिंदा जल गई। मां नजदीक ही खेत पर काम कर रही थी और पिता कुछ दूरी पर थे। अचानक किसी कारण से झोपड़ी में आग लग गई और जब तक मां को आग दिख पाती तब तक दोनों बेटियां कंकाल में बदल चुकी थी। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया और बाद में दोनों शवों को मुर्दाघर में रखवाया गया।

खेत में झोपड़ी बना रहता था परिवार

रानीवाड़ा पुलिस ने बताया कि थाना इलाके में स्थित वगतापुरा गांव में रामाराम चौधरी के खेत में रमेश भील मजदूरी करता था। खेत में ही उसने झोपड़ी बना रखी थी। उस झोपड़ी में वह अपनी पत्नी पार्वती, 6 साल की बेटी भानु और 9 महीने की बेटी बसंती के साथ रह रहा था। पति-पत्नी दोनों खेत पर काम करते थे।

जब तक मां को पता चला सब कुछ हुआ खाक

आज सवेरे करीब 10:00 बजे दोनों खेत पर काम करने निकल गए। पत्नी झोपड़ी के नजदीक ही काम कर रही थी और पति कुछ दूरी पर काम कर रहा था। इसी दौरान अचानक किसी कारण से झोपड़ी में आग लग गई , लेकिन इसकी सूचना काफी देर के बाद पार्वती को लगी। जब पार्वती ने आग की लपटें उठती हुई देखी तो वह झोपड़ी की तरफ दौड़ी। लेकिन तभी झोपड़ी उन्हीं बच्चों पर गिर गई। अंदर से चीखने चिल्लाने की आवाज आती रही। कुछ देर में जब झोपड़ी का मलबा हटाया गया तब तक दोनों बच्चों की पूरी चमड़ी जल चुकी थी।

इस तरह मासूम को खोने के बाद आए सदमे में

इस घटना को देखने के बाद माता-पिता सदमे में है, अपनी बच्चियों को खोने के गम में उनका रो रो कर बुरा हाल है । पुलिस ने कहा कि झोपड़ी में आग कैसे लगी यह जांच का विषय है, लेकिन संभवत है शार्ट सर्किट के कारण झोपड़ी का कच्चा भूसा चिंगारी पकड़ बैठा और आग लग गई। झोपड़ी में पास ही बिजली का कनेक्शन था। दोनों बच्चों की लाशों को मुर्दाघर में रखवाया है।

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