सार

राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक बार फिर जाट समाज का महाकुंभ देखने को मिला। जहां लाखों की संख्या में पूरे राजस्थान से जाट समाज पहुंची हुई थी। इस दौरान बीजेपी कांग्रेस के नेता भी एक मंच पर नजर आए।

जयपुर. राजस्थान में यह चुनावी साल है, इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और विधानसभा चुनाव होने से पहले इस साल बहुत कुछ घटित होने वाला है। इसकी शुरुआत मार्च महीने से हो चुकी है। आज जयपुर स्थित विद्याधर नगर स्टेडियम में हजारों की संख्या में जाट समुदाय एकत्रित हुआ है। दावा किया जा रहा है कि 100000 से भी ज्यादा जाट लोग पूरे राजस्थान से इस सभा में शामिल होने आए हैं। जाट समाज के इस कार्यक्रम के बाद इसी महीने 12 मार्च और 19 मार्च को ब्राह्मण समाज के दो बड़े कार्यक्रम राजस्थान में आयोजित होने हैं ।

राजस्थान में लगा था जाट समाज का महाकुंभ

जाट समाज के कार्यक्रम की बात करें तो जाट नेता राजाराम मील, विश्वेंद्र सिंह रामलाल जाट , बृजेंद्र सिंह ओला, सतीश पूनिया , गोविंद सिंह डोटासरा , रामेश्वर डूडी, हेमाराम चौधरी , लालचंद कटारिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह समेत बड़ी संख्या में जाट समाज के नेता मौजूद रहे। आज दोपहर से जारी इस कार्यक्रम को जाट महाकुंभ नाम दिया गया है।

जाट समाज ने दिया एकता का परिचय

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इस महाकुंभ में शामिल हुए उनका कहना था कि जब तक एक दूसरे की टांग खिंचाई करना बंद नहीं करेंगे तब तक जाटों को अहमियत नहीं मिलेगी। वहीं जाट नेता रामेश्वर डूडी ने कहा कि हमें हर गांव में तेजाजी महाराज का मंदिर बनवाना होगा, यही जाट समाज की एकता का प्रतीक होगा। जब तक सारे जाट एकजुट नहीं होंगे तब तक उनकी आवाज मजबूत नहीं होगी ।'

कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों पार्टियों के नेता एक ही मंच पर

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मैं अभी पार्टी में जिस पद पर हूं उस पद पर पार्टी के लिए काम कर रहा हूं , लेकिन मैं ऐसा कभी कोई काम नहीं करूंगा जिससे जाट समाज को नुकसान हो । मैं जाट समाज से हूं । दरअसल जाट समाज के नेताओं ने यह महाकुंभ चुनाव से पहले इसीलिए रखा है कि उनका कहना है आने वाला मुख्यमंत्री जाट समाज से बने। इसके अलावा इस महाकुंभ के जरिए यह संदेश देने की कोशिश है कि आरक्षण जो करीब 20% राजस्थान में कर रखा है उसे 27% तक बढ़ाया जाए और जाट समाज को तवज्जो दी जाए । इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी शामिल होना था लेकिन वह सालासर धाम चूरू में मौजूद रहे। उनके बेटे सांसद दुष्यंत सिंह ने उनका संदेश पढ़कर लोगों को सुनाया । इस पूरे कार्यक्रम के आयोजक जाट नेता राजाराम मील ने बताया कि पूरे राजस्थान का शायद ही कोई ऐसा शहर बाकी रहा हूं जहां से जाटों की बसें यहां नहीं पहुंची हो। पिछले 1 महीने से इस आयोजन के लिए तैयारियां कर रहे हैं। आने वाले हर मेहमान को खाना खिलाना हमारा धर्म और फर्ज है। जाटों का यह कार्यक्रम इस साल होने वाले चुनाव के लिए एक बड़ी सीख साबित होने वाला है।