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जोधपुर में 19 साल के लड़के ने किया नरसहांर: पूरे परिवार की चढ़ा दी बलि...होश उड़ा देगी वजह
जोधपुर जिले में एक परिवार के चार लोगों की हत्या के बाद शव जलान के मामले में अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हत्यारा कोई और नहीं बल्कि, मृतक परिवार का 19 साल का भतीजा है। जिसने छह महीने की भतीजी समेत पूरे परिवार को काट डाला।
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जोधपुर. राजस्थान का जोधपुर जिला जो ब्लू सिटी के नाम से जाना जाता है, लेकिन उसे खून से लाल कर दिया गया। खून भी अपनों का ही था...। बेहद निर्मम तरीके से छह महीने की भतीजी समेत उसके पूरे परिवार का गला काट दिया गया। उसके बाद घर में आग लगा दी गई। जोधपुर जिले के लोहावट में हुई इस नृशंस हत्याकांड का खुलासा राजस्थान के डीजीपी उमेश मिश्रा ने किया है। परिवार के ही 19 साल के रिश्तेदार को पकडा गया है। हत्या सिर्फ शक में कर दी गई।
उधर गांव के लोगों ने शव नहीं उठाए हैं। परिवार एक करोड़ का मुआवजा मांग रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि हत्या में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। वहीं मौके पर स्थानीय विधायक दिव्या मदरेणा पहुंची उन्होंने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कल को मेरी भी हत्या हो सकती है। मामले की जांच होनी चाहिए।
दरअसल जोधपुर के ओसिंया इलाके में स्थित गांव में रहने वाले पूनाराम जाट के आधे से ज्यादा परिवार को उसके 19 साल के भतीजे ने खत्म कर दिया। दरअसल पूनाराम और भैराराम जाट... दो भाईयों का परिवार है। पूनाराम के दो बेटे हैं। एक बेटा पिता से अलग रहता है। दूसरा बेटा रेवतराम अपनी पत्नी धापू, छह महीने की बेटी मनीषा , पिता पूनाराम और मांव भंवरी देवी के साथ रहता था।
बेटी मनीषा , पिता पूनाराम और मांव भंवरी देवी के साथ रहता था। जमीन को लेकर दोनो भाईयों के परिवर में बोलचाल बंद है। आना जाना भी बंद है। हांलाकि जमीन का मामला सलट चुका है। इस बीच पूनाराम के बड़े भाई भैराराम के बड़े बेटे तेजाराम ने सुसाइड़ कर लिया। वह गुजरात के सूरत में काम करता था। मामला छह से सात महीने पहले का है। जांच में यह सुसाइड ही पाया गया।
अब बात वर्तमान की..... तेजाराम के छोटे भाई 19 साल के पप्पू राम को यह शक था कि बड़े भाई तेजराम की हत्या मे चाचा पूनाराम और उनके परिवार का हाथ है। ऐसे में उसने फरसे से चाचा, चाची, भाभी और भजीती को काट दिया । जो जहां सो रहा था वहीं उसके गले पर तलावार चला दी। उसके बाद आग लगा दी। उसे कल शाम को अरेस्ट कर लिया गया।
उधर गांव में अभी शव रखे हैं। एक करोड़ का मुआवजा परिवार मांग रहा है। मनीषा का पिता चतराराम अपने काम पर गया था, इसकी जानकारी पप्पराम को नहीं थी। इस कारण वह बच गया। डीजीपी ने कहा कि सिर्फ शक की बिनाह पर ही पूरे परिवार की हत्या कर दी गई। इस मामले में विधायक दिव्या मदेरणा ने भी अपनी ही सरकार के खिलाफ गुस्सा उतारा है।