सार
जोधपुर. गर्वित की उम्र करीब ढाई साल है और उसकी बड़ी बहन खुशी करीब 4.5 साल की है। पिछले दो दिन से उनसे मिलने वाले हर व्यक्ति से वह यही सवाल कर रहे हैं कि अंकल हमारे पापा कहां गए.... मम्मी कब आएगी.... दादी की बहुत याद आ रही है, लेकिन इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं है । दोनों बच्चों के दादा वेंटिलेटर पर हैं और वे दोनों भी अस्पताल में भर्ती है। इस बीच उनके माता-पिता और दादी का अंतिम संस्कार कर दिया गया है । लेकिन उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वे मूल रूप से नागौर जिले के रहने वाले हैं , लेकिन अभी जोधपुर Aims अस्पताल में भर्ती हैं।
जिंदा बचे दोनों बचे और दादा वेंटिलेटर पर
दरअसल मंगलवार शाम को जोधपुर में एक सड़क हादसा हुआ । इस हादसे में खुशी और गर्वित के पिता रमेश , उनकी मां पार्वती और दादी इंदिरा सेन की मौत हो गई । दादा कैलाश वेंटिलेटर पर है और रमेश का कजिन ब्रदर सुमित सीरियस है । दोनों बच्चे भी एम्स अस्पताल में भर्ती हैं ,लेकिन होश में है ।
मासूम माता-पिता के पास जाने की कर रहे जिद
कल शाम को जोधपुर एम्स अस्पताल से माता-पिता और दादी के शव को नागौर जिले के मेड़ता इलाके में लव कुश नगर उनके घर भेजा गया । जहां तीनों का अंतिम संस्कार किया गया । इस अंतिम यात्रा में परिवार के नजदीकी लोगों के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल रहे । आज जानकारी मिली कि दादा बेहद सीरियस है और दोनों बच्चे भी गंभीर है। लेकिन होश में है। वह हर समय अपने माता-पिता के पास जाने की जिद कर रहे हैं , जिस घर में पूरा परिवार रहता था , वहां फिलहाल कुछ रिश्तेदार बचें हैं।
मासूमों के सवाल सुनकर लोगों की आंखों में आ जाते हूं आंसू
एम्स अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है दोनों बच्चे स्थिर हालत में है । लेकिन हर पल अपने माता-पिता को याद कर रहे हैं। अस्पताल का स्टाफ भी उनके पास जाता है तो उनसे भी अपने माता और पिता को बुलाने की जिद करते हैं। उनके रिश्तेदार उन्हें संभाल रहे हैं लेकिन सभी की आंखें नाम है । बच्चों के सवाल का जवाब कोई नहीं दे पा रहा है।
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