सार

भगवान खाटू श्याम जी के भक्तों के लिए बड़ी खबर है। अगर वह सीकर शहर में स्थित खाटू श्याम में बाबा के दर्शन का प्लान बना रहे हैं तो कैंसिल कर दें। क्योंकि खाटू श्याम जी का मंदिर 25 जुलाई की रात बंद कर दिया जाएगा।

सीकर. राजस्थान के सीकर शहर में स्थित खाटू श्याम जी का मंदिर 25 जुलाई की रात बंद कर दिया जाएगा और उसके बाद 26 जुलाई को मंदिर नहीं खुलेगा । सिर्फ शाम में मंदिर को अंतिम झांकियों के लिए खोला जाएगा । दरअसल खाटू श्याम जी का मंदिर 26 जुलाई को सवेरे से लेकर शाम तक भक्तों के लिए पूरी तरह से बंद रहेगा । खाटू श्याम जी मंदिर प्रबंधन कमेटी का कहना है कि बाबा खाटू श्याम के श्रृंगार और तिलक के कारण मंदिर के पट भक्तों के लिए बंद रहेंगे।

खाटू श्याम बाबा के भक्त कृपया ध्यान दें...

इस दौरान मंदिर प्रबंधन के कुछ लोग बाबा श्याम का श्रृंगार करेंगे और उनके तिलक मुकुट को भी बदला जाएगा। इसमें समय लगने के कारण भक्तों के लिए मंदिर को बंद कर दिया जाएगा । उल्लेखनीय है कि हर कुछ सप्ताह में खाटू श्याम जी के मंदिर को कुछ घंटों के लिए मंदिर प्रबंधन द्वारा बंद कर दिया जाता है। इसकी सूचना पहले ही जारी कर दी जाती है ताकि देश दुनिया से आने वाले भक्तों को इस बारे में पहले ही जानकारी मिल जाए।

15 दिन में 50 लाख से ज्यादा भक्त करते हैं दर्शन

खाटू श्याम जी की मान्यता राजस्थान के अलावा देश भर में है । देश भर के अलावा विदेशों से भी हर साल खाटू श्याम जी के भक्त खाटू श्याम जी के दर्शन करने आते हैं। होली के समय 15 दिन का जो मेला लगता है उस मेले में करीब पचास लाख से ज्यादा भक्त भगवान के दर्शन करने आते हैं। इसके अलावा साल भर में करीब 10 करोड़ लोग बाबा श्याम के दीदार को पहुंचते हैं । राजस्थान सरकार अब खाटू श्याम जी मंदिर प्रबंधन के साथ मिलकर मंदिर के लिए कई कार्य करने में लगी हुई है।

एक बार में हजारों भक्त करेंगे बाबा के दर्शन

उधर केंद्र सरकार ने भी रेलों का आवागमन खाटू श्याम जी मंदिर तक करने की तैयारी कर ली है, ताकि लोग ट्रेनों से भी सीधे ही मंदिर के पास तक पहुंच सके। पिछले साल मंदिर में हुई भगदड़ के कारण करीब 3 महीने के लिए मंदिर को बंद कर दिया गया था। इन 3 महीनों के दौरान खाटू श्याम जी मंदिर प्रबंधन और सीकर जिला प्रशासन ने मिलकर दर्शन करने की पूरी व्यवस्था ही बदल डाली थी । अब एक बार में हजारों भक्त खाटू श्याम जी के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर प्रबंधन ने इसके लिए लाइनों की व्यवस्था की है।