Khatushyamji Helicopte : नई हेलीकॉप्टर सेवा दिल्ली से खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी के लिए शुरू, प्रति यात्री किराया 95 हजार रुपये। 23 अगस्त से सेवा शुरू होगी, बुजुर्ग और परिवारों के लिए आसान, एक सप्ताह की बुकिंग पहले ही पूरी।
Khatushyamji Helicopter Service : राजस्थान के प्रसिद्ध तीर्थस्थल खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी के दर्शन अब और भी आसान हो गए हैं। दिल्ली.एनसीआर से सीधे इन धामों तक पहुंचाने के लिए एक निजी कंपनी ने हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की घोषणा की है। यह सुविधा 23 अगस्त से आम श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होगी।
कैसी होगी दिल्ली से खाटू तक की हेलीकॉप्टर की यात्रा
कंपनी का दावा है कि यह हेलीकॉप्टर सेवा यात्रा बेहद आरामदायक होगी। सुरक्षित और समय बचाने वाली होगी, खासकर उन लोगों के लिए जो लंबी दूरी की यात्रा करने में असमर्थ हैं। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह की बुकिंग भी हो चुकी है और इसी आधार पर क्वायरी भी लगाता आ रही है।
दिल्ली से खाटू तक की यात्रा 6 घंटे में पूरी होगी
नई हेलीकॉप्टर सेवा दिल्ली के रोहिणी हेलीपोर्ट से शुरू होगी। सुबह उड़ान भरने के बाद श्रद्धालु सीधे खाटूश्यामजी पहुंच जाएंगे और फिर सालासर धाम का भी दर्शन कर सकेंगे। पूरी यात्रा लगभग 6 घंटे में पूरी कराकर श्रद्धालुओं को शाम तक वापस दिल्ली लौटा दिया जाएगा।
दिल्ली से खाटू तक का किराया और सुविधाएं
इस हवाई यात्रा का किराया लगभग 95 हजार रुपये प्रति यात्री तय किया गया है। इसमें केवल उड़ान ही नहींए बल्कि टप्च् दर्शनए भोजन और विश्राम की सुविधाएं भी शामिल होंगी। भक्तों को खाटूश्यामजी धाम पहुंचने के बाद होटल में ठहरने और फ्रेश होने का विकल्प मिलेगा। वहींए दर्शन के दौरान लंबी कतारों से बचाकर सीधे मंदिर में प्रवेश दिलाया जाएगा।
बुजुर्ग और परिवारों के लिए लाभदायक
कंपनी के मुताबिक यह सेवा खासकर वरिष्ठ नागरिकों और व्यस्त भक्तों के लिए बेहद उपयोगी रहेगी। अनुभवी पायलटए सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल और आरामदायक व्यवस्था के साथ श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिलेगा। इसके अलावाए यात्रा के दौरान गाइड भी उपलब्ध रहेगाए जो दोनों धामों के इतिहास और धार्मिक महत्व की जानकारी देगा।
देशभर से आने वाले भक्तों के लिए यह सेवा
- हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए खाटूश्यामजी में 52 बीघा पार्किंग क्षेत्र को चुना गया है। कंपनी ने स्थानीय प्रशासन को अनुमति पत्र भेज दिया हैए जिसे जिला कलेक्टर स्तर पर विचाराधीन रखा गया है। धार्मिक पर्यटन को नई दिशा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की सेवाएं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी।
- दिल्ली, एनसीआर ही नहीं बल्कि देशभर से आने वाले भक्तों के लिए यह सेवा आकर्षण का केंद्र बन सकती है। इससे न केवल भक्तों का समय बचेगाए बल्कि राजस्थान के इन तीर्थस्थलों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को भी राष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाई मिलेगी।
