सार

शिक्षानगरी से फेमस राजस्थान का कोटा शहर से लगातार बुरी खबरें सामने आ रहीं हैं। अब एक कोचिंग छात्र की छठी मंजिल से गिरने से मौत हो गई। गिरते ही उसकी खोपड़ी चकनाचूर हो गई। पश्चिम बंगाल से आया स्टूडेंट कोटा में रहकर कर नीट की तैयारी कर रहा था।

कोटा (राजस्थान). कोटा में पिछले चैबीस घंटों में काफी कुछ घटा है। गुरुवार शाम छात्रों के दो गुटों में चाकू चले और एक छात्र को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर गुरुवार शाम ही कुछ बदमाशों ने एक युवक को पीटा और प्लायर से उसके नाखून उखाड़ दिए और हाथ का अंगूठा तोड़ दिया। गुरुवार देर रात एक और बड़ी घटना घटित हुई। एक छात्र की मौत हो गई छंठवीं मंजिल से गिरने के कारण। वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला था। घटनाक्रम की जांच पड़ताल जवाहर नगर थाना पुलिस कर रही है।

पश्चिम बंगाल से नीट की तैयारी करने आया था कोटा

पुलिस ने बताया कि वात्सल्य नाम से स्थित एक हॉस्टल की छटवी मंजिल पर रह रहा था जलपाईगुडी, पश्चिम बंगाल का रहने वाला ईशानांशु भट्टाचार्य। वह बीस साल का थाा और पिछले साल अगस्त में कोचिंग आया था नीट यूजी की तैयारी करने के लिए। हॉस्टल में देर रात अपने दोस्तों के साथ बैठा था।

तनाव दूर करने के लिए गेम खेल रहा था उसी गेम ने जान ले ली...

दोस्तों ने पुलिस को बताया कि तनाव दूर करने के लिए कुछ दोस्त बातचीत कर रहे थे और कुछ अपने मोबाइल पर केंद्रित थें ईशानांशु भी अपने मोबाइल को लेकर बैठा था और उसमें गेम खेल रहा था। रात ज्यादा होने पर सभी दोस्त फिर सोने जाने लगे। दोस्तों ने पुलिस को बताया कि सभी लड़के बालकनी के पास बैठे और खड़े थे। ईशानांशु भी जब अपने कमरे में जाने के लिए बालकनी में से उतरा और स्लीपर पहनने लगा तो उसका संतुलन बिगड़ गया। वह अपने मोबाइल को छोड़ नहीं पा रहा था और सीधा छह मंजिल से नीचे गिर गया। तुरंत ही इस बारे में कोचिंग संचालक और हॉस्टल चलाने वालों को सूचना दी गई। तुरंत पुलिस भी बुलाई गई।

गिरते ही शरीर की दर्जनों हड्डिया चकनाचूर हो गई

पुलिस ने ईशानांशु को कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। बताया गया कि सिर और शरीर की दर्जनों हड्डिया चकनाचूर हो गई इतनी उपर से नीचे गिरने के कारण....। आज शाम तक उसके माता पिता कोटा पहुंचेगें और उसके बाद ईशानांशु के शव को उसको परिजनो के हवाले किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कोटा में किसी न किसी कारण छात्रों की मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।