Laddoo Gopal Eye Test : रामदेवरा भादवा मेले में पहली बार श्रद्धालु मनफूली देवी ने अपने लड्डू गोपाल की आंखों की जांच कराई। इस नेत्र महाकुंभ शिविर में हजारों भक्त निशुल्क जांच और दवाइयां पा रहे हैं, जहां आस्था और चिकित्सा का अनूठा संगम दिखा।
Ramdevra Mela Health Camp : भादवा मेले में चल रहे नेत्र महाकुंभ शिविर ने बुधवार को ऐसा दृश्य देखा जिसने हर किसी को भावुक कर दिया। जयपुर की बुजुर्ग श्रद्धालु मनफूली देवी अपने आराध्य लड्डू गोपाल को भी आंखों की जांच के लिए साथ लेकर पहुंचीं। उन्होंने बाकायदा पंजीकरण कराकर रजिस्ट्रेशन फॉर्म में नाम “लड्डू गोपाल जी”, जन्मतिथि “जन्माष्टमी” और पता “जगन्नाथ मंदिर” लिखवाया।
आस्था और चिकित्सा का गजब संगम
नेत्र जांच के दौरान मनफूली देवी ने बताया कि भक्त अपने इष्टदेव को जीवित मानते हैं और उनकी सेवा को जीवन का हिस्सा बनाते हैं। सुबह जगाना, भोजन कराना और रात को सुलाना – यह सब उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। इसी भाव से उन्होंने भगवान को भी स्वास्थ्य लाभ दिलाने की नीयत से जांच करवाई। शिविर में मौजूद लोगों के लिए यह क्षण बेहद अद्भुत रहा।
हजारों श्रद्धालुओं को मिल रही सुविधा
रामसरोवर तालाब परिसर में लगे इस नेत्र शिविर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बुधवार को ही 250 से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया। यहां डॉ. राघवेंद्र दाधीच और उनकी टीम आधुनिक मशीनों से मरीजों की जांच कर रहे हैं। शिविर में आने वालों को निशुल्क दवाइयां और चश्मे भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
अब तक 43 हजार से अधिक पंजीकरण
- 1 अगस्त से शुरू हुए इस शिविर में अब तक 43,456 श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं। इनमें से 42,500 से अधिक की जांच पूरी हो चुकी है। जांच के बाद 36 हजार से ज्यादा मरीजों को चश्मे और 33 हजार से अधिक लोगों को मुफ्त दवाइयां वितरित की गईं। शिविर की व्यापकता को देखकर कहा जा सकता है कि यह केवल स्वास्थ्य सेवा ही नहीं बल्कि एक बड़ा जनकल्याण अभियान है।
- नेत्र महाकुंभ के साथ-साथ यहां आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा केंद्र भी संचालित हो रहे हैं। अब तक 2,200 से अधिक मरीजों ने होम्योपैथिक परामर्श लिया है, जबकि लगभग 2,000 लोग आयुर्वेदिक उपचार से लाभान्वित हुए हैं।
- रामदेवरा मेला सदियों से आस्था और परंपरा का प्रतीक रहा है, लेकिन इस बार यहां स्वास्थ्य सेवाओं का यह अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। श्रद्धा और सेवा का ऐसा अद्भुत मेल शायद ही कहीं और दिखाई देता हो।
