सार

राजस्थान में एक महिला लाखों रुपए की सरकारी नौकरी छोड़कर संयम के रास्ते पर चल पड़ी है। महिला के साथ उनकी बेटी भी उसी रास्ते पर चलने को तैयार है। वे 21 अप्रैल को एक साथ दीक्षा लेंगी।

प्रतापगढ़. राजस्थान की जैन समाज में दीक्षा लेने के कई किस्से आपने सुने होंगे। कोई 20 साल की उम्र में दीक्षा लेता है तो कोई करोड़ों रुपए ठुकराकर दीक्षा लेता है। लेकिन राजस्थान के प्रतापगढ़ में एक महिला अपनी 11 साल की बेटी के साथ सरकारी नौकरी ठुकराकर दीक्षा लेने जा रही है। ये महिला अपनी बेटी के साथ संयम के रास्ते पर चल पड़ी है।

बेटी के साथ दीक्षा ले रही महिला

इनका दीक्षा ग्रहण कार्यक्रम 21 अप्रैल को गुरु सौम्या रत्ना और पुनीतरसा श्रीजी के साथ एक साध्वी की तरह होगा। कार्यक्रम को लेकर लगातार तैयारियां जारी है। 40 साल की प्रीति बेन और उनकी बेटी सारा दीक्षा लेने जा रही है। प्रीति ने जब पहली बार अपने घरवालों को इस इच्छा के बारे में बताया तो घर वालों ने उम्र का हवाला देते हुए दीक्षा लेने से मना किया।

घरवालों ने मुश्किल से दी मंजूरी

लेकिन परिवार के लोगों की बात को टालकर वह लगातार परिवार के लोगों को मनाने में लगी रही जिसके बाद परिवार वालों ने उसे मंजूरी भी दे दी। अब दीक्षा कार्यक्रम में परिवार के लोग भी शामिल रहेंगे।

12 लाख रुपए कमाती प्रीती

आपको बता दे की प्रीति पेशे से एक सरकारी टीचर है। जिनका सालाना वेतन करीब 12 लाख के लगभग है। लेकिन उनका कहना है कि ईश्वर के आगे धन दौलत कुछ भी नहीं। ईश्वर का अनुयायी बनना ही सबसे बड़ा धर्म है।