सार

पिछले साल जयपुर में हुई राष्ट्रीय राजपूत करणी सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या के बाद राजस्थान में अब एक बार फिर से करणी सेवा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव सिंह शेखावत को जान से मारने की धमकी दी गई है।

Karni Seva President Shiv Singh Shekhawat: पिछले साल जयपुर में हुई राष्ट्रीय राजपूत करणी सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या के बाद राजस्थान में अब एक बार फिर से करणी सेवा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष  शिव सिंह शेखावत  को जान से मारने की धमकी दी गई है। आज 9 जून को महाराणा प्रताप की जयंती के दौरान जब वह कार्यक्रम में शामिल थे , उनके पास फोन आया। फोन करने वाले ने 7 दिन में उनकी हत्या कर देने की चेतावनी दी है।

शिव सिंह शेखावत जयपुर में एक कार्यक्रम में शामिल थे। इस दौरान उनके पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा हम तेरा भाषण सुन रहे हैं,  7 दिन के अंदर तेरी हत्या कर दी जाएगी। तुझे भी सुखदेव सिंह गोगामेडी के पास भेज देंगे। इंटरनेट कॉल के जरिए आए इस फोन नंबर के बाद इसकी जानकारी मौके पर मौजूद पुलिस को दी गई तो पुलिस ने तुरंत कार्यक्रम को बीच में रुकवा दिया और शिव सिंह शेखावत को पुलिस सुरक्षा में रवाना कर दिया गया।

शिव सिंह शेखावत को सुरक्षा देने की मांग

वैशाली नगर के चित्रकूट इलाके में ही राष्ट्रीय करणी सेवा का मुख्यालय है। इसी मुख्यालय पर महाराणा प्रताप जयंती को लेकर आयोजन चल रहा था। इस आयोजन में पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ भी शामिल थे।‌ इस घटना के बाद करणी सेना सैनिकों ने पुलिस अधिकारियों से शिव सिंह शेखावत को सुरक्षा देने की मांग की है। उनका कहना है अगर एक या दो दिन में सुरक्षा नहीं दी गई तो समाज बड़ा आंदोलन करेगा ।

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने कराई थी पूर्व अध्यक्ष की हत्या

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजपूत करणी सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या के पीछे भी इसी तरह की साजिश शामिल थी। सुखदेव सिंह गोगामेडी के हत्या उनके घर में घुसकर की गई थी। इस हत्याकांड में विदेश में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का नाम शामिल आया था। गोल्डी बर के अलावा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने भी इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी और इस हत्याकांड को विदेश में बैठे हुए अपने गुर्गे रोहित गोदारा के जरिए कराया था।  कुछ दिन पहले ही एन आई ए ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की है। यह हत्याकांड इतना बड़ा था कि कई दिन तक धरने प्रदर्शन चले थे और पूरे राजस्थान को बंद कर दिया गया था।

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