सार
राजस्थान के सीकर जिले में एक मेडिकल छात्र की मेडिकल कॉलेज से रैगिंग की शर्मनाक घटना समाने आई है। जहां सीनियर रात को शराब पीकर जनियरों के कमरे में पहुंच गए। इसके बाद सीनियर छात्रों ने अमानवीय हरकतें की।
भरतपुर. पिछले दिनों राजस्थान के सीकर जिले में एक मेडिकल छात्र की मेडिकल कॉलेज में मौत का मामला गर्माया था। अब भरतपुर जिल में स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज से बड़ा मामला सामने आया है। जूनियर छात्रों के पूरे के पूरे ग्रुप के साथ सीनियर छात्रों ने अमानवीय हरकतें की वह भी रात के समय....। मामला बढ़ता चला गया। मैनजेेमेंट ने इस पर पर्दा डालना चाहा लेकिन बात बनी नहीं। अब पुलिस तक जानकारी पहुंची हैं। मामला भरतपुर जिले में स्थित जग्गनाथ पहाडिया मेडिकल कॉलेज का है। इसकी शिकायत नेशनल मेडिकल काउंसिल के पास पहुंची है, तब जाकर मामला खुलकर सामने आया है। जिन सीनियर पर आरोप लगे हैं उनमें से तीन तो छह महीने के लिए पहले भी सस्पैंड रह चुके हैं।
कमरे में सो रहे जूनियर्स के पास शराब पीकर पहुंचे सीनियर
दरअसल कॉलेज में गुरुवार देर रात चालीस जूनियर छात्र कुछ बड़े हॉल में सो रहे थे। इस दौरान रात के ढाई बजे थे। रात में सीनियर छात्र पंकज विश्नोइ्र, पंकज भांबू और योगेन्द्र अपने कुछ अन्य साथियों के साथ शराब पीकर वहां आ पहुंचे। उन्होनें चांटे और लाते मारकर जूनियर्स को उठाया। उसके बाद उनके साथ जमकर गाली गलौच की। उनको नचाया और गाने गवाए। उसके बाद लड़कों को कहा कि वे एक दूसरे को गाली दें, सीनियर्स को गाली दें और फैकल्टी को गाली दें। कुछ छात्रों ने ऐसा किया और कुछ ने ऐसा नहीं किया। लेकिन बाद में सभी को मुर्गा बना दिया गया। काफी देर तक उनको ऐसे ही रखा गया और उसके बाद उनसे मारपीट करते हुए सीनियर्स वहां से चले गए। इसकी जानकारी देर रात ही फेकल्टी को दे दी गई लेकिन बात नहीं बनी। आखिर नेशनल मेडिकल काउंसिल में शिकायत करनी पडी। ये तीनों सीनियर साल 2019 में छह महीने के लिए सस्पेंड हो चुके हैं रैगिंग के कारण ही।
भरतपुर मेडिकल कॉलेज बड़ी घटना
भरतपुर मेडिकल कॉलेज का बैंकग्राउड हमेशा ही विवादों से भरा रहा हैं। 15 सितंबर 2021 को जूनियर छात्रों का बर्तन धोते हुए वीडियो वायरल हुआ था। इस पर एक्श हुआ। 2019 में उसी साल के बैच से 2018 के बैच ने रैंगिग की। इस पर पूरे के पूरे बैच को तीस दिनों तक सस्पैंड कर दिया गया। वहीं 2019 में ही कॉलेज में डीजे बजाने, गाने गाने और मारपीट करने में एक छात्र को एक साल और दस छात्र को छह महीने के लिए सस्पैंड किया जा चुका है।