Rajasthan government farmers scheme : राजस्थान सरकार अलवर के भूमिहीन कृषि श्रमिकों को कृषि यंत्रों की खरीद पर ₹5000 तक का अनुदान दे रही है। 2625 लाभार्थियों को इस योजना से लाभ मिलेगा, महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

Rajasthan government farmers scheme : राजस्थान सरकार ने अलवर जिले के भूमिहीन कृषि श्रमिकों के लिए एक बड़ी राहत योजना शुरू की है। इस योजना के तहत योग्य श्रमिकों को कृषि यंत्रों और उपकरणों की खरीद पर 5000 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। यह कदम उन मजदूरों के लिए आर्थिक सहयोग साबित होगा, जिनके पास खुद की खेती योग्य जमीन नहीं है लेकिन वे कृषि कार्यों में लगे रहते हैं। इस अनुदान का बड़े स्तर पर किस फायदा उठा सकते हैं।

अलवर इतने किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

अलवर कृषि विभाग के अनुसार, जिले में कुल 2625 लाभार्थियों को इस योजना से जोड़े जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 1.31 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। योजना के तहत वही श्रमिक पात्र माने जाएंगे जिनके नाम पर कोई कृषि भूमि नहीं है और जो किसी भी भूमि के सह-स्वामी नहीं हैं। इसके लिए पूरे दस्तावेज देने होंगे , उसके बाद ही अनुदान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

यह लोग किसानों को दिलाएंगे अनुदान

महत्वपूर्ण बात यह है कि आवेदन करने वाले का मोबाइल नंबर और बैंक खाता जन आधार से जुड़ा होना अनिवार्य होगा। पात्र लाभार्थियों का चयन ग्राम पंचायत स्तर पर गठित समिति द्वारा किया जाएगा। समिति में सरपंच अध्यक्ष होंगे, जबकि ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी और कृषि पर्यवेक्षक सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।

एक परिवार से एक ही व्यक्ति को योजना का लाभ 

इस योजना में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति और बीपीएल वर्ग की महिलाएं पहले चयनित की जाएंगी। एक परिवार से केवल एक ही व्यक्ति को योजना का लाभ मिलेगा और एक जन आधार से एक ही आवेदन मान्य होगा। लाभार्थी को केवल कृषि विभाग से पंजीकृत विक्रेता से ही यंत्र खरीदने होंगे।

किसानों को इन कृषि यंत्रों के लिए मिलेगा अऩुदान

जिन यंत्रों पर अनुदान मिलेगा, उनमें खुरपी, टयूबलर मेज शेलर, स्प्रेयर, रोटरी शेलर, झाड़ी काटने की कैंची, बीज रोपण मशीन, हैंड कल्टीवेटर, ड्रम सीडर , फ्रूट हार्वेस्टर, घास काटने की मशीन , कॉटन पलकर , उन्नत सररेटेड, स्किल ट्यूबलर, मैज सेलर , 12 दाते की रैक, मैन्युअल नेपसेक स्प्रेयर, आदि शामिल हैं। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के कृषक श्रमिकों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सराहनीय पहल है।