सार

राजस्थान में भाजपा की सरकार बनते ही पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर उनसे जुड़े कांग्रेस के करीबी नेता ही बरसने लगे। जिसमें ओएसडी लोकेश शर्मा और डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी शामिल हैं।

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद अब चर्चा राजस्थान में मुख्यमंत्री के पद को लेकर है। लेकिन इससे ज्यादा चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को लेकर है। जिन्होंने विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री सहित पार्टी के कई नेताओं पर सवालिया निशान खड़े किए हैं।

डिप्टी सीएम सचिन पायलट बरसे

सचिन पायलट ने कहा है कि 2020 में जो राजनीतिक संकट आया। उस दौरान तमाम वह कदम उठाए गए जो संभव थे। यहां तक कि फोन भी सर्विलांस पर लगाए गए। इसका फायदा यह मिला की तीन विधायकों को मानेसर जाने से रोक लिया गया। हालांकि लोकेश ने उन तीनों विधायकों का नाम तो नहीं बताया लेकिन उनमें रोहित बोहरा, दानिश अबरार और चेतन डूडी शामिल हो सकते हैं।

फोन टैपिंग पर बोले आलोक शर्मा

वही खुद पर लगे फोन टैपिंग के आरोपी की बात पर लोकेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने फोन टाइपिंग नहीं करवाई बल्कि जो ऑडियो क्लिप मिली थी, वह तो सोशल मीडिया के जरिए आमजन तक पहुंचाई जा रही थी। जिससे पता चल सके कि आखिर सरकार कौन गिर रहा है।

जीत सकती थी कांग्रेस

लोकेश शर्मा ने कहा कि 25 सितंबर 2022 को जो घटना हुई उसके बाद यहां मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के कई नेता इस उद्देश्य से आए कि आखिर मामले में कोई कार्रवाई हो,लेकिन अंत में कुछ भी नहीं हुआ यदि उस दौरान आलाकमान के निर्देशों पर कोई कार्रवाई होती तो आज परिणाम वह नहीं होता जो इस बार विधानसभा के चुनाव में निकलकर आया है।