सार
बेटी से पिता के द्वारा रेप करने के मामले में राजस्थान के कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारवास की सजा सुनाई है। साथ ही जज ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि " कलिकाल बिदाल रिए मनुजा, नहि मानत क्यों अनुजा तनुजा"
जयपुर. वर्तमान में नवरात्रि का पर्व चल रहा है। घर-घर में मां दुर्गा का रूप मानी जाने वाली बेटियों की भी पूजा की जा रही है। आज दुर्गा अष्टमी के दिन बेटियों का पूजन होगा लेकिन क्या आप जानते हैं इसी बीच राजस्थान में एक पिता को उसकी बेटी से दुष्कर्म करने के मामले में कोर्ट ने आखिरी सांस तक जेल की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं कोर्ट ने फैसले में अपनी टिप्पणी करते हुए कहा है कि " कलिकाल बिदाल रिए मनुजा, नहि मानत क्यों अनुजा तनुजा" खाने में भले ही यह लाइन रामचरितमानस की एक चौपाई हो लेकिन वर्तमान युग के लिए यह एकदम सही बैठती है। इस चौपाई का हिंदी अर्थ है कलयुग में मनुष्य बहन बेटी का भी विचार नहीं करेगा।
रेप पीड़िता की मां ने लगाई थी इंसाफ की गुहार
इसी केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ। रेप पीड़िता की मां ने पुलिस को शिकायत दी थी कि वह कोटा के ग्रामीण इलाके की रहने वाली है जिसका पति उसके साथ हमेशा मारपीट करता है। केवल इतना ही नहीं वह अपनी बेटी के साथ रेप जैसी हरकत भी करता है। ऐसे में पीड़िता की मां अपने तीनों बच्चों को लेकर मायके आ गई। पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता की मां ने बताया था कि उसके पति से उन्हें खतरा है।
15 गवाह और 20 दस्तावेज को सबूत माना
पुलिस ने तुरंत मामले में मुकदमा दर्ज किया और जल्द से जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर दिया। बीते साल 25 अक्टूबर को ही आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया और आखिरकार 1 साल से भी कम समय में 15 गवाह और 20 दस्तावेज को सबूत मानकर पुलिस ने अपनी ही बेटी से रेप करने वाले आरोपी पिता को आखिरी सांस तक जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम से 10 लाख रुपए दिलवाले की अनुशंसा की है।
आए दिन आते हैं राजस्थान में ऐसे मामले
आपको बता दे कि राजस्थान में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी राजस्थान में इसी तरह की घटनाओं के कई मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि सभी मामलों में पुलिस जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर देती है जिनसे जल्द ही आरोपी को उनके किए की सजा मिल जाती है।