सार

दौसा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रोहित कुमार शर्मा ने भाजपा और कांग्रेस पर तीखे हमले किए। अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए परिवारवाद के खिलाफ संघर्ष की बात कही। जानें रोहित के इस बयान का पूरा सच।

दौसा। राजस्थान में 13 नवम्बर को 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। दोनो प्रमुख पार्टियों समेत अन्य दलों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं और प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। लेकिन इन सात सीटों में सबसे ज्यादा हॉट सीट .... दौसा विधानसभा सीट है। यहां पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे एक नेताजी ने तो ऐसा बयान दिया है कि इतनी दूर तक की कोई सोच ही नहीं सकता था।

निर्दल प्रत्याशी के सपने में आए भारत रत्न अटल बिहारी

दरअसल दौसा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रोहित कुमार शर्मा ने भाजपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए अपने सपने में अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया। प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि अटल जी उनके सपने में आए और फूट-फूट कर रोए। रोहित ने भाजपा के परिवारवाद पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह अटल जी की पुरानी भाजपा को फिर से जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं।

सामान्य वर्ग के टिकट कटने पर भी नाराजगी व्यक्त की

उन्होंने कहा कि मैं इस लड़ाई में इसलिए हूं, क्योंकि एक सीट हारने से भाजपा को नुकसान नहीं होगा, लेकिन यदि परिवारवाद जीत गया, तो यह भाजपा की नैतिक हत्या होगी, जिसे मैं स्वीकार नहीं कर सकता। रोहित ने सामान्य वर्ग के टिकट कटने पर भी नाराजगी व्यक्त की। उनका आरोप था कि दौसा में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को हराने के लिए साजिश के तहत टिकट में बदलाव किया गया। उन्होंने कहा कि यह निंदनीय और समाज में फूट डालने वाली हरकत है।

निर्दलीय प्रत्याशी ने कहा दौसा में भाजपा-कांग्रेस का अप्रत्यक्ष गठबंधन

आरोपों की एक नई परत जोड़ते हुए रोहित ने कहा कि दौसा में भाजपा और कांग्रेस का अप्रत्यक्ष गठबंधन हो चुका है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि दौसा के भाजपा नेता दूसरी पार्टी के उम्मीदवार को जितवाने में लगे हैं और इसके बदले में कांग्रेस भी सामान्य वर्ग का टिकट काटने पर मजबूर हुई।

रोहित शर्मा ने कहा, ‘भगवा रंग उनके दिल में समाया’

जब रोहित से पूछा गया कि अगर वे चुनाव जीतते हैं तो किस पार्टी का समर्थन करेंगे, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि भगवा रंग उनके दिल में है। उन्होंने कहा...मैं निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं ताकि राजनीति में परिवारवाद का अंत हो सके। जो भी पार्टी परिवारवाद को छोड़कर विकास की बात करेगी, उसे मेरा समर्थन मिलेगा। रोहित ने कहा कि वह हमेशा दौसा के विकास के लिए संघर्ष करते रहे हैं। उनका लक्ष्य दौसा को अति संवेदनशील क्षेत्र से बाहर निकालना और स्थानीय विकास को बढ़ावा देना है। रोहित कुमार शर्मा ने दावा किया कि दौसा की जनता अब उनके दृष्टिकोण और योजनाओं को समझ चुकी है। उनका मानना है कि लोग उनकी आंखों में दौसा के उज्ज्वल भविष्य की झलक देख सकते हैं। इस बार दौसा की राजनीति में रोहित शर्मा का यह तेज तर्रार बयान चुनावी माहौल को और भी रोचक बना सकता है।

 

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