सार

राजस्थान में 25 नवंबर को मतादन होगा। वोटिंग के लिए सिर्फ 26 दिन ही बाकी हैं। लेकिन अभी तक कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट जारी नहीं कर पाई है। सिर्फ दो समाज के नेताओं के सबसे ज्यादा टिकट दिए हैं।

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 26 दिन बाद मतदान होना है और करीब 37 से 38 दिन बाद विधानसभा चुनाव की मतगणना होगी। हालांकि अभी तक राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट जारी नहीं कर पाई है। दोनों ने अपनी उम्मीदवारों की तीन-तीन सूची जारी की है। जिनके आधार पर दोनों ही पार्टियों का कहना है कि उन्होंने हर वर्ग के दावेदार को टिकट दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही सबसे ज्यादा टिकट जाट और राजपूत समाज को दिए है।

इस समाज का सबसे ज्यादा वोट बैंक

आपको बता दे कि राजस्थान में जाटों की आबादी करीब 14 फीसदी है दिए उन्हें सबसे बड़ा वोट बैंक माना जाता है। आंकड़ों की माने तो हर सरकार में करीब 30 से 40 विधायक जाट ही होंगे। मौजूदा कांग्रेस की सरकार में भी 33 विधायक जाट समाज से आते हैं।

जाट समाज में बीजेपी 21 और कांग्रेस से 15 टिकट दे चुकी है

वहीं 2018 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को राजपूत समाज की नाराजगी का भारी खामियाजा वह कितना पड़ा क्योंकि उससे करीब एक डेढ़ साल पहले ही आनंदपाल एनकाउंटर हुआ था। लेकिन इस बार अब तक जारी तीनों सूचियां में भाजपा ने राजपूत समाज के उम्मीदवारों को भी टिकट दिए हैं। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी अपने कोर वोट बैंक यानी राजपूत समाज को किसी भी हाल में टूटने नहीं देना चाहती। वहीं अब तक जारी हुई सूची में बीजेपी ने 10% टिकट राजपूत समाज जबकि कांग्रेस ने 5% टिकट राजपूत समाज को दिए हैं हालांकि अभी दोनों की लिस्ट आना बाकी है ऐसे में यह टिकट अनुपात और ज्यादा बढ़ सकता है। वही जाट समाज में बीजेपी 21 और कांग्रेस से 15 टिकट दे चुकी है।

इन दो समाजों का है राजस्थान में दबदबा

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राजस्थान में केवल यह दो सामाज ऐसे हैं जिनके वोट इलाके में एक तरफा या फिर जिस नेता को मिलते हैं यानि जिस तरफ इनका रुझान रहता है ज्यादा संभावनाएं उसी की जीत की होती है हालांकि अब देखना होगा कि कांग्रेस और भाजपा के लिए यह टिकट वितरण कितना कारगर साबित होता है।