Rajasthan Electricity Update: क्या आपका मीटर स्मार्ट नहीं है? राजस्थान सरकार ने स्मार्ट मीटर अनिवार्यता हटाई, पुराने मीटर भी स्वीकार होंगे। 24-72 घंटे में बदलाव जरूरी। मोबाइल ऐप से बिल और खपत की जानकारी तुरंत मिलेगी।

Rajasthan Electricity Meter Guideline: राजस्थान सरकार ने बिजली कनेक्शन और मीटरिंग व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। अब नए कनेक्शन लेने या खराब/जले हुए मीटर बदलने के लिए स्मार्ट मीटर अनिवार्य नहीं रहेगा। जहां स्मार्ट मीटर का इंस्टॉलेशन पूरा नहीं हुआ है, वहां पुराने पारंपरिक मीटर भी स्वीकार किए जाएंगे।

बदलाव की वजह और उद्देश्य

बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) ने 20 अगस्त 2025 को नई गाइडलाइन जारी की। चेयरमैन आरती डोगरा ने बताया कि एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर (AMISP) के पास सीमित स्टाफ के कारण नए कनेक्शन और मीटर बदलने का काम पिछड़ रहा था। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति में किसी भी प्रकार की देरी से बचाना है।

नई गाइडलाइन के प्रमुख बिंदु

  • जिन क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन पूरा या जारी है, वहां नए कनेक्शन और मीटर केवल स्मार्ट मीटर से बदले जाएंगे।
  • शेष क्षेत्रों में नए कनेक्शन और मीटर पारंपरिक मीटर से बदलने की अनुमति होगी।
  • शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घंटे के भीतर मीटर बदलना अनिवार्य है।
  • यदि दो महीने में मीटर नहीं बदला गया, तो उपभोक्ता को बिल में 5% की छूट मिलेगी।

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स्मार्ट मीटर से मिलने वाले लाभ

ऊर्जा मंत्री के अनुसार, स्मार्ट मीटर आधुनिक तकनीक पर आधारित है और इसे मोबाइल ऐप से जोड़ा जा सकता है। इसके फायदे:

  • दिन-रात बिजली खपत का विवरण मोबाइल पर तुरंत मिलेगा।
  • बिल का इंतजार खत्म हो जाएगा।
  • उपभोक्ता अपनी बिजली खपत को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर पाएंगे।
  • बिल से संबंधित शिकायतें कम होंगी।

अधिकारियों और एजेंसियों को दिए गए निर्देश

सभी DISCOM और संबंधित एजेंसियों को नई गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है। AMISP और आईटी टीम मिलकर स्मार्ट मीटर की सप्लाई तेज करने और रोलआउट प्रोग्राम को सुचारू रूप से लागू करने पर काम करेंगे। यह नियम तब तक लागू रहेगा जब तक पूरे राज्य में स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन नियमित रूप से शुरू नहीं हो जाता।

राजस्थान सरकार की पहल: उपभोक्ताओं के लिए सुविधा और सुरक्षा

राजस्थान सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं की सुविधा बढ़ाने और बिजली आपूर्ति में बाधा कम करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। स्मार्ट मीटर और पारंपरिक मीटर दोनों के विकल्प से उपभोक्ता अब अधिक लचीलापन और सुविधा का अनुभव करेंगे।

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