सार

राजस्थान के सचिवालय में पोस्टेड महिला अफसर ज्योति भारद्वाज ने जो कारनामा किया वह शॉकिंग है। उसने एक साल के अंदर 26 फ्लैट खरीदे हैं, जिसकी कीमत करोड़ों रूपए है। हैरानी की बात ये है इन मकानों की रजिस्ट्री सिर्फ दो दिनों में हो गई।

 

जयपुर. चुनाव से पहले अब राजस्थान में जांच एजेंसियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए परेशानी खड़ी करना शुरू कर दिया है। पिछले 7 दिन में जयपुर में कुछ अफसर और उनके नजदीकी लोगों के घर से ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने करीब 15 किलो से ज्यादा सोना बरामद किया है। इसके अलावा ढाई से 3 करोड़ रूपया कैश भी मिल चुका है । अभी इन अफसर की जांच पड़ताल चल ही रही है , लेकिन इस बीच में अब जयपुर के सचिवालय में काम करने वाली एक महिला अधिकारी ने तो सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए। महिला अधिकारी ने अपने पति के साथ मिलकर एक समिति में लगभग 40 फ़ीसदी मकान ही खरीद डालें । उसने 26 मकान खरीदे जिम 15 खुद के पास रख लिए और 11 अपने बेटे को दे दिए। यह महिला अधिकारी का नाम ज्योति है और यह ज्योति सचिवालय के स्टोर विभाग में इंचार्ज है। सरकार की ओर से जो भी खरीद की जाती है , वह खरीद इसी महिला अधिकारी के हस्ताक्षर होने के बाद की जाती है।

15 रजिस्ट्री ज्योति ने खुद के नाम करवाई और 11 बेटे के नाम

दरअसल ज्योति ने पिछले साल जयपुर के सबसे पोश इलाके यानी मानसरोवर में 2 दिन के दौरान ही एक समिति में 26 प्लेट खरीद लिए। इनमें 15 की रजिस्ट्री ज्योति ने खुद के नाम करवाई और 11 के रजिस्ट्री अपने बेटे के नाम करवाई। लेकिन सोसाइटी के जो बिल्डर है उन्होंने कहा कि महिला अधिकारी ने जो चेक दिए वह बाउंस हो गए, डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से पैसा अटका हुआ है। बार-बार पैसा मांगने के बाद भी जब पैसा नहीं मिला तो हमने कोर्ट की शरण ली है और मामला कोर्ट में चल रहा है।

पत्नी के अलावा पति भी हैं सरकारी अफसर

ज्योति के पति अरविंद भी सरकारी सेवा में अधिकारी हैं और राजस्थान सरकार के ही मुलाजिम है । जब ज्योति से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि यह बिल्डर और हमारा आपसी मामला है। इस बारे में पति अरविंद ज्यादा बता सकते हैं। जब अरविंद से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि अभी वह बिजी हैं, बाद में बात हो सकेगी ।

करोड़ों के मकान मोटी के मोल खरीदे

सबसे बड़ी बात यह है कि ज्योति ने और उनके पति अरविंद ने सरकारी सेवा में बने रहने के दौरान संपत्ति का जो विवरण दिया जाता है, उसमें भी सरकार से झूठ बोला है । सरकार को लिखित में यह बताया गया है कि दोनों के पास तीन मकान है और उनमें से दो लोन पर चल रहे हैं । फिलहाल ज्योति के बारे में जांच एजेंसियों ने जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। बहुत जल्द ज्योति को परेशानी उठानी पड़ सकती है। यह जो 26 मकान खरीदे गए हैं , इन मकान की रजिस्ट्री डीएलसी रेट पर करवाई गई है, जो करीब 5 करोड रुपए है। जबकि मकान कई गुना ज्यादा कीमत के हैं।