राजस्थान भर्ती घोटाला: 2013 LDC जॉब्स पर मंडराया खतरा! राज्य सरकार ने कनिष्ठ लिपिक भर्ती में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वालों पर कसी लगाम। 8 अफसरों की जांच टीम गठित, सिर्फ 10 दिन में रिपोर्ट… क्या सैकड़ों सरकारी नौकरियां जाएंगी?

Rajasthan recruitment scam: राजस्थान में सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता को लेकर एक बार फिर बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने 2013 की कनिष्ठ लिपिक (LDC) भर्ती में फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों की जांच के आदेश दिए हैं। यह फैसला पंचायती राज विभाग ने लिया है, जिससे प्रदेश के सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर खतरे की तलवार लटक गई है।

क्यों उठी दोबारा जांच की लहर? 

राजस्थान पंचायती राज विभाग ने पाया कि 2013 कनिष्ठ लिपिक (LDC) भर्ती में कई अभ्यर्थियों ने फर्जी अध्ययन व अनुभव प्रमाणपत्र देकर बोनस अंक हासिल किए और मेरिट लिस्ट में छलांग लगा ली। इसी शक ने सरकार को दस्तावेज़ सत्यापन का आदेश जारी करने पर मजबूर किया।

गठित की गई 8 अधिकारियों की टास्क फ़ोर्स 

  • संयुक्त आयुक्त अनिल सोनी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय जांच दल बना है।
  • फ़ोकस: रेगुलर स्टडी, अनुभव प्रमाणपत्र, एनआरसी और बोनस अंक की वैधता।
  • मेथड: डिजिटल मेरिट‑डेटा को क्रॉस‑चेक + मूल सर्टिफिकेट का फील्ड‑वेरिफ़िकेशन।

कितने दिन में देनी होगी सरकार को रिपोर्ट?

विभागीय आदेशों के मुताबिक, जांच टीम को 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। रिपोर्ट के आधार पर यह तय होगा कि किस अभ्यर्थी की नियुक्ति वैध है और किसने फर्जीवाड़ा किया। यह जांच प्रक्रिया प्रमाण पत्रों के दोबारा सत्यापन पर आधारित होगी।

नौकरी या मुकदमा-किस पर थमेगी कलम? 

विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि धांधली सिद्ध हुई तो:

  • नियुक्ति निरस्त: सेवा समाप्ति व भविष्य की सरकारी भर्ती से डिबार।
  • वेतन वसूली: अब तक लिए वेतन‑भत्तों की रिकवरी।
  • आपराधिक चार्ज: IPC §420, 468, 471 के तहत धोखाधड़ी का केस।
  • सरकार ने संकेत दिया है कि जरूरत पड़ने पर अन्य विभागों और वर्षों की भर्तियाँ भी स्कैन होंगी।

आंकड़े जो चौंकाने वाले

  • सैकड़ों कर्मचारी राडार पर; जिला स्तर पर फाइलें दोबारा खुलीं।
  • प्रारंभिक ऑडिट में दर्जनों नकली अनुभव पत्र पकड़ में आए।
  • योग्य लेकिन वंचित अभ्यर्थियों में उम्मीद: “अब इंसाफ़ मिलेगा।”

भजनलाल शर्मा सरकार सख्त, कार्रवाई तय

यह कार्रवाई उन तमाम युवाओं के लिए भी सबक है, जो सरकारी नौकरी पाने के लिए धोखाधड़ी का सहारा लेते हैं। सरकार ने संकेत दिए हैं कि यदि रिपोर्ट में बड़ी गड़बड़ी सामने आई, तो अन्य विभागों की भर्तियों की भी जांच कराई जा सकती है।