सार

राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में भाजपा से दो और कांग्रेस से एक प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। जिसमें भाजपा से मदन राठौर और चुन्नीलाल गरासिया है। वहीं कांग्रेस से सोनिया गांधी निर्विरोध निर्वाचित हुई है।

जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दो और कांग्रेस की एक प्रत्याशी को निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया है। राज्यसभा सांसद कांग्रेस से सोनिया गांधी निर्वाचित की गई है। वह पहली बार राजस्थान से सांसद बनी है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी से मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को निर्विरोध सांसद निर्वाचित किया गया है । यह तीनों अब राज्यसभा के सदस्य बन गए हैं।

चुनाव अधिकारी ने सौंपे प्रमाण पत्र

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पहली बार राजस्थान में सांसद चुनी गई है।‌ वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सीट पर खड़ी हुई थी और यहीं से अब राज्यसभा के लिए मनोनीत हुई है। आज नाम वापसी का समय निकलने के बाद चुनाव अधिकारी ने तीनों प्रत्याशियों को और उनके एजेंट को प्रमाण पत्र सौंप दोनों भाजपा सांसद मौके पर उपस्थित थे।‌ लेकिन सोनिया गांधी की तरफ से उनके एजेंट ने सर्टिफिकेट हासिल किया। सोनिया गांधी ने 14 फरवरी को और भारतीय जनता पार्टी के दोनों प्रत्याशियों ने 15 फरवरी को राज्यसभा की सीटों के लिए नामांकन किया था।

कांग्रेस से सोनिया गांधी निर्वाचित

सोनिया गांधी के राजनीतिक सफर की बात करें तो 1998 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बनी थी।‌ 1999 में पहली बार सांसद चुनी गई थी। वह कांग्रेस पार्टी में सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रही है।‌ उसके बाद अब राज्यसभा से उन्होंने फिर सांसद चुना गया है।

मदन राठौर भाजपा से निर्वाचित

वहीं बात भारतीय जनता पार्टी के मदन राठौड़ की की जाए तो वह राजस्थान के पाली जिले में सुमेरपुर विधानसभा सीट से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं। बीजेपी में उन्हें लंबा अनुभव है।‌ इस बार उन्हें पार्टी में उम्मीदवार नहीं बनाया था, उन्होंने विरोध दर्ज कराया। उसके बाद उन्हें राज्यसभा सांसद का टिकट दिया गया।

ये हैं चुन्नीलाल गरासिया

वहीं बात भारतीय जनता पार्टी के चुन्नीलाल गरासिया की करें तो वह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। पूर्व में मंत्री रह चुके हैं।‌ भारतीय जनता पार्टी से लंबे समय से जुड़े हुए हैं।‌ दो बार विधायक रहे हैं तीसरी बार विधायक का चुनाव हार गए थे।