Fake Products Warning: रक्षाबंधन और त्योंहारों पर ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान नकली उत्पादों का खतरा बढ़ गया है। जनवरी से जून 2025 में 7,221 नकली उत्पाद शिकायतें दर्ज हुईं, जिससे सावधानी जरूरी हो गई है। सरकार ने कड़ी कार्रवाई शुरू की है।
Online Shopping Alert : देश में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर नकली और डुप्लीकेट उत्पादों की बढ़ती बिक्री उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन गई है। जनवरी 2025 से जून 2025 के बीच 7,221 उपभोक्ता शिकायतें केवल नकली उत्पादों को लेकर दर्ज की गई हैं, जो पिछले पूरे वर्ष की तुलना में काफी अधिक हैं। वर्ष 2024 में ऐसी शिकायतों की संख्या 4,997 रही थी।
दिल्ली से महाराष्ट्र और राजस्थान तक अलर्ट
यह जानकारी उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने हाल ही में लोकसभा में दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ई-कॉमर्स में बढ़ रही अनुचित व्यापारिक प्रथाओं पर लगाम कसने के लिए कई कदम उठा रही है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने इस साल विभिन्न राज्यों में 22 तलाशी और जब्ती अभियान भी चलाए हैं। इनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक में 3-3, राजस्थान और तमिलनाडु में 2-2, तथा अन्य राज्यों जैसे गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में 1-1 अभियान शामिल रहे।
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सरकार ने ई-कॉमर्स के नियम किए तय
- सरकार ने ई-कॉमर्स (उपभोक्ता संरक्षण) नियम 2020 लागू कर रखे हैं, जो प्लेटफॉर्म्स को अनुचित मूल्य निर्धारण, भ्रामक छूट और मनमाने वर्गीकरण से रोकते हैं। इन नियमों के अनुसार कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकती और ना ही नकली उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा दे सकती है।
- सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए “सुरक्षा प्रतिज्ञा” अभियान भी शुरू किया है। इसमें रिलायंस रिटेल, टाटा संस, ओला, जोमैटो, स्विगी सहित 13 प्रमुख कंपनियों ने भाग लिया है।
धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने डार्क पैटर्न रोकथाम दिशानिर्देश 2023 जारी किए हैं, जिनमें 13 भ्रामक रणनीतियों की पहचान की गई है जो उपभोक्ताओं को गुमराह करती हैं।
- ई-कॉमर्स का विस्तार जितनी तेजी से हुआ है, उतनी ही तेजी से उपभोक्ता धोखाधड़ी के मामले भी बढ़े हैं। सरकार की सख्ती और नए दिशानिर्देशों से उम्मीद है कि डिजिटल खरीददारी को सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
