सार
राजस्थान के सीकर में एक थाने की पुलिस किसान के खेथ में फसल काटते हुए दिखी। यह फसल कोई गेंहू या चने की नहीं, बल्कि अफीम की थी। जिसे प्याज की आड़ में उगाया गया था।
सीकर. आमतौर पर आपने पुलिस को सड़कों पर ड्यूटी करते हुए देखा होगा। लेकिन क्या कभी पुलिस को किसी खेत में फसल काटते हुए देखा है। राजस्थान के सीकर जिले में पुलिस ने करीब एक से डेढ़ घंटे तक फसल की कटाई की। यह फसल कोई सब्जी या किसी तरह के अनाज की नहीं बल्कि अफीम की थी। जिसे गेहूं और प्याज की फसल के बीच उगाया जा रहा था। ऐसे में नेछवा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस अफीम की खेती को जब्त किया है।
सिंगडोला के बड़ागांव में किसान कर रहा था अफीम की खेती
- थानाधिकारी रामकिशन यादव के अनुसार उन्हें ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए सूचना मिली थी कि थाना इलाके के सिंगडोला बड़ागांव में एक किसान गेहूं और प्याज की फसल की आड़ में अफीम की खेती कर रहा है। इस सूचना पर टीम मौके पर रवाना हुई। लेकिन आरोपी मौके से फरार हो गया।
- पुलिस ने करीब एक से डेढ़ घंटे तक फसल को कटाई करके बाहर निकाला। पुलिस ने मौके से 2100 अफीम के हरे पौधे जप्त किए हैं। जिनका कुल वजन 187.94 किलोग्राम है। पुलिस के अनुसार आरोपी सांवरमल अपने खेत में अफीम की खेती कर रहा था। जिसके खिलाफ अब पुलिस ने एनडीपीएस सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करके अनुसंधान शुरू कर दिया।
अफीम की खेती कर सकते हैं, लेकिन यह जरूरी…
- आपको बता दें कि देश में अफीम अवैध नशीला पदार्थ है। सरकार के द्वारा इसकी खेती पर रोक लगाई गई है। यदि कोई इसकी खेती करता है तो उसे सरकार से लाइसेंस लेना पड़ता है। खेती करने के बाद वह फसल को नहीं बेच सकता। बकायदा लाइसेंस लेने के बाद खुद सरकार अफीम की खेती के लिए बीज देती है।
- वहीं सरकार की तरफ से लाइसेंस देने पर खेती के लिए एरिया भी फिक्स किया जाता है। यदि कोई उसे एरिया से थोड़ा सा भी ज्यादा एरिया में अफीम की खेती करता है तो सरकार उसका लाइसेंस निरस्त करके पूरी खेती अपने कब्जे में ले सकती है।