सार

राजस्थान में अंधविश्वास की हद देखने को मिली। यहां भीलवाड़ा जिले में एक माह की बच्ची को जुकाम होने पर तांत्रिक ने गर्म सरिया से कई जगह दागा। हालत गंभीर होने पर परिजन उसे अस्पताल ले गए।

भीलवाड़ा। क्या जुकाम सही करने का इलाज तपते लाल सरिया से हो सकता है। क्या गर्म सरिया शरीर पर छुआने से कोई बीमारी ठीक हो सकती है। ऐसे सोचना भी शायद बेवकूफी होगी लेकिन राजस्थान अंधविश्वास की हद देखने को मिली है। यहां के गावों में आज के युग में भी कई परिवार इसी अंधविश्वास में जी रहे हैं फिर चाहे उनकी जान पर ही क्यों न बन आए। 

डॉक्टर के बजाए तांत्रिक के पास ले गई बीमार बच्ची को
कुछ ऐसा ही हुई भीलवाड़ा के एक गांव में। यहां अंधविश्वास के फेर में पड़कर एक बच्ची मौत के मुंह तक पहुंच गई। उसे तेज जुकाम हुआ था और तबीयत बिगड़ने पर उसे डॉक्टर के बजाए परिजन एक ओझा के पास ले गए जिसने बच्ची को गर्म सरिये के शरीर पर कई जगह दागा। हालत खराब होने पर बाद में परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गए। बच्ची की हालत गंभीर बनी है।

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तांत्रिक ने बच्ची को गर्म सरिया से दागा
मामला भीलवाड़ा जिले के फूलियां कला थाना इलाके के पनोतिया गांव का है। गांव में रहने वाले रामदास और सोनिया एक महीने पहले माता-पिता बने थे। मौसम बदलने के कारण एक महीने की बच्ची को मामूली जुकाम और निमोनिया हो गया था। रामदास बाहर गया हुआ था तो कल रात सोनिया बच्ची को अस्पताल ले जाने के लिए घर से निकली। बच्ची को अस्पताल ले जाने की जगह वह एक भोपे यानि तांत्रिक के पास ले गई। उसने कुछ मंत्र पढ़े और सरिया गर्म कर बच्ची के पेट, पीठ और अन्य जगहों पर चिपका दिया। उसके बाद तांत्रिक ने कहा कि अब बच्ची सही हो जाएगी ले जाओ।

आईसीयू में भर्ती है बच्ची
रात को बच्ची की हालत और खराब हो गई। मासूम बच्ची का शरीर गर्म सरिए से दागा गया तो उसका रोना घंटों तक नहीं रुका। बार में आसपास के रहने वाले लोगे बच्ची को नजदीक ही शाहपुरा इलाके में स्थित अस्पताल ले गए। वहां से बच्ची को भीलवाड़ा के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। अब वह आईसीयू में है। उसकी हालत गंभीर है। वह देर रात रोते-रोते बेहोश हो गई थी और अब होश में नहीं आ पा रही है।