सार
शादी वाला दिन जिंदगी का सबसे खास दिन होता है। यह खूबसूरत दिन द्वावारा कभी लौटकर नहीं आता है। लेकिन राजस्थान के टोंक जिले में 70 साल से ऊपर के बजुर्गों की शादियां हुईं। जहां कोई लडखड़ाते आया तो कोई व्हीलचेयर पर दुल्हन लेने आया था।
टोंक (राजस्थान). 78 साल के वेद प्रकाश ने अपने कांपते हाथों से मूली देवी को जब गुलाब दिया तो शादी का पांडाल तालियों से गूंज गया। 74 साल के संतोष कुमार जब अपनी दुल्हन को सुरेखा को लेने व्हील चेयर पर आए तो एक बार तो सब हैरान रह गए। बाद में व्हील चेयर पर ही दोनो ने एक दूसरे को माला पहनाई और फिर दोनो शरमाने लगे। फिर बेटे बहू आगे आए और सारी रीत रिवाज पूरी की। दरअसल राजस्थान के टोंक जिले में ऐसा शानदार आयोजन हुआ कि आज से पहले इतने बड़े स्तर पर यह कभी नहीं हुआ।
एक साथ हुई 300 से भी ज्यादा शादियां, प्रदेश में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ
दरअसल टोंक जिले में स्थित एक संस्था ने प्रदेश में गोल्डन जुबली मना चुके दम्पत्तियों की फिर से शादी कराने का प्लान किया। पूरे राजस्थान से क्वायरी आने लगे। दम्पत्तियों के बच्चे और परिवार के अन्य लोग जानकारी जुटाने लगे। देखते ही देखते 360 जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया। संस्था ने सभी को टोंक बुलाया और वहीं पर सामूहिक शादी का आयोजन किया गया।
50 साल के शादीशुदा जोड़ों ने सिर्फ फेरे छोड़कर शादी की सभी रस्में की
संस्था से जुड़े लोगों का कहना था कि उनको उम्मीद नहीं थी कि इतने लोग आएंगे। टोंक के अलावा, अलवर, भरतपुर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, हर कहीं से लोग आए हैं अपने बच्चों और परिवार के साथ। टोंक के डिग्गी कस्बे में स्थित संस्था ने इसका आयोजन किया । प्रदेश भर से आए पचास साल के शादी शुदा जोड़ों ने सिर्फ फेरे छोड़कर शादी की तमाम रस्में पूरी की। इस दौरान उनके परिवार के लोग उनके साथ रहे। खूब नाच गाना हुआ और बुजुर्गों को फिर से जीने का मौका मिल गया। हजारों लोग इस आयोजन में शामिल हुए।