सार
राजस्थान के टोंक शहर से सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिस बीसलपुर का पानी 50 लाख घर पी रहे है उसी पानी में मिली सड़ी हुई लाशें मिलने से मच गया हडकंप। पुलिस जांच में सामने आया 7 से 8 दिन से पानी में तैर रही लाशे।
टोंक (tonk). राजस्थान के टोंक जिले से दिल दहला देने वाली खबर है। राजस्थान का सबसे बड़ा बांध, बीसलपुर बांध है। बांध से दौसा, जयपुर, टोंक समेत आसपास के कुछ अन्य जिलों को पीने के पानी की सप्लाई होती है। इस बांध में आज सवेरे और देर रात तीन लाशें बरामद हुई हैं। तीनों सड़ी गली लाशें सात से आठ दिन पुरानी है और चीथड़े चीथडे हो चुकी हैं। इन लाशों के मिलने के बाद से हडकंप मचा हुआ है। इसी बांध का पानी हर रोज दो बार कई जिलों में सप्लाई होता हैं। जिन युवकों की लाश मिली है तीनों मछुआरे हैं।
मछली पकड़ने गए 3 मछुआरों की गई जान
टोंक पुलिस ने बताया कि पप्पू साहनी, सीताराम और विनोद साहनी की लाश बरामद हुई हैं। तीनो फिश एरिया में मछली पकड़ने के लिए गए थे। 31 जनवरी को दोपहर से पहले तीनों मछली पकड़ने गए थे और शाम से पहले उनको वापस लौटना था। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। शाम को वे नहीं लौटे। देर रात तक भी वापस नहीं आए तो परिवार को चिंता हुई। परिवार के लोग ठेकेदार के पास गए जिसने मछली पकड़ने का ठेका लिया था और जिसके पास तीनों मछुआरे काम करते थे। इसकी सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस को जब सूचना मिली तो फिर अगले दिन एसडीआरएफ को भी बुलाया गया।
1 फरवरी से की जा रही थी सर्चिंग, अब जाकर मिली
एक फरवरी से लेकर आज नौ फरवरी तक एसडीआरएफ ने कई घंटों सर्च की तब जाकर तीनों की लाशें बरामद हो सकी। पुलिस ने बताया कि देर रात पप्पू और आज सवेरे बाकि दोनो की लाशें पानी की सतह पर आ गई। उसके बाद लाशें बाहर निकालकर मुर्दाघर में रखवा दी गई। अब पप्पू साहनी के पिता ने केस दर्ज कराया है। उन्होनें ठेकेदार पुरानी बोट देने और जीवन रक्षण उपकरण नहीं देने की रिपोर्ट दी है। पुलिस ने ठेकेदार और वहां पर काम देखने वाले अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। सभी मजदूर बिहार के रहने वाले थे और कुछ समय पहले ही यहां आए थे। सबसे बड़ी बात ये कि तीनों तैरना नहीं जानते थे फिर भी बिना सुरक्षा उपकरण पानी में काम कर रहे थे।
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