सार
भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर में दो महिलाएं, विनीता और राधा दूसरों के लिए मिसाल बनकर उभरी हैं। उन्होंने ब्रेस्ट मिल्क डोनेट करके कई नवजात बच्चों की जान बचाई है। उन्होंने न केवल एक रिकॉर्ड बनाया, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित किया है।
12 लीटर ब्रेस्ट मिल्क किया डोनेट
चीकरू गांव की रहने वाली विनीता ने पिछले तीन सालों में 12 लीटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट किया है। जब उनके बच्चे का जन्म हुआ था तब उन्हें दूध निकालने में समस्या हुई थी। महिला अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें मिल्क बैंक के बारे में पता चला और उन्होंने दूध दान करना शुरू कर दिया। इसी तरह, डीग जिले की परमदरा गांव निवासी राधा ने भी अपने बच्चे के जन्म के बाद से लगातार 145 दिनों तक ब्रेस्ट मिल्क डोनेट किया है।
महिलाओ ने इस वजह से कमजोर बच्चों को डोनेट किया मिल्क
महिलाओं ने बताया कि उनका बच्चा कमजोर था, तब उन्हें मिल्क बैंक के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने तुरंत दूध दान करने का फैसला किया। राधा ने बताया बच्चा कमजोर था और जब वह पैदा हुआ उसे इलाज के लिए शहर ले जाया गया। लेकिन राधा कमजोर थी वह अस्पताल नहीं जा सकी । उसने अपने पति के जरिए अपना ब्रेस्ट मिल्क बच्चे तक पहुंचाया और बच्चा सेहतमंद बना। तभी से ब्रेस्ट मिल्क डोनेट करना शुरू कर दिया।
इन महिलाओ ने बनाया अनोखा रिकॉर्ड
महिला अस्पताल में स्थित आंचल मिल्क बैंक की प्रभारी अंजू शर्मा ने बताया कि इन महिलाओं ने न केवल एक रिकॉर्ड बनाया है बल्कि दूसरों को भी प्रेरित किया है। उन्होंने बताया कि ब्रेस्ट मिल्क नवजात शिशुओं के लिए सबसे अच्छा पोषण है और यह कई बीमारियों से बचाता है।
ब्रेस्ट मिल्क इसलिए सबसे खास
ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन का महत्व ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि यह नवजात शिशुओं, खासकर कम वजन वाले या बीमार बच्चों के लिए जीवनदान साबित होता है। ब्रेस्ट मिल्क में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो शिशु के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। इसके अलावा, ब्रेस्ट मिल्क में एंटीबॉडीज भी होती हैं जो शिशु को संक्रमण से बचाती हैं।
समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत
डॉक्टर का कहना है कि हालांकि ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन एक पुनीत कार्य है, लेकिन अभी भी समाज में इस बारे में जागरूकता की कमी है। कई महिलाएं अभी भी ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन के बारे में नहीं जानती हैं या उन्हें डर लगता है। इसलिए, हमें समाज में ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। विनीता और राधा जैसी महिलाओं की कहानियां प्रेरित करने वाली हैं। उन्होंने साबित किया है कि एक छोटा सा कदम भी किसी की जिंदगी बदल सकता है।