सार
बिहार के रहने वाले दिव्यांग हसन एक खास मोटिव लेकर कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा पर निकले हुए है। ये फिलहाल राजस्थान पहुंचे हुए है। उनका कहना है कि वे देशभर के दिव्यांगों की दशा और दिशा बदलने को लेकर ये मुहिम शुरू की है।
उदयपुर (udaipur news). भारत आज भले ही इतना ही आधुनिक बन चुका हो लेकिन यहां आज भी ज्यादातर सरकारी दफ्तर और बिल्डिंग ऐसी है जहां विकलांगों के आने के लिए अलग से कोई रैंप की व्यवस्था नहीं की गई है। हालांकि कई जगह दूसरे लोगों की मदद करके विकलांगों को यहां तक पहुंचा देते हैं लेकिन हर जगह ऐसा हो पाना संभव नहीं है।
युवक ने की अनूठी पहल की शुरूआत
इसी को लेकर बिहार के रहने वाले एक युवक ने अनूठी पहल की शुरुआत की है। जो हर बिल्डिंग और सरकारी दफ्तरों में अलग से विकलांगों के लिए रैंप बनाने की मांग को लेकर कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा पर निकला है। इसी कड़ी में वह हाल ही में राजस्थान के झीलों की नगरी उदयपुर पहुंचा। जहां कई सामाजिक संगठनों ने उसका स्वागत किया।
चार्जिंग व्हील चेयर पर देशभर की कर रहे यात्रा
यह युवक है बिहार का रहने वाला मोहम्मद हसन। जिस ने 25 दिसंबर 2022 को अपनी यात्रा की शुरुआत की कन्याकुमारी से की थी। जिस व्हीलचेयर पर हसन अपनी यात्रा तय कर रहा है वह आईआईटी के स्टूडेंट्स ने तैयार की है। एक बार में चार्जिंग करने पर यह वीर चेयर 25 किलोमीटर का सफर तय करती है। हसन बताते हैं कि जहां भी वह रुकते हैं वही अपनी इस व्हील चेयर को चार्ज कर लेते हैं। कभी किसी ने उन्हें मना नहीं किया।
कोविड महामारी ने कुछ अलग करने की दिखाई राह
हसन बनाते हैं कि वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं जो दिल्ली की जेएनयू में रशियन भाषा का कोर्स कर रहे थे। लेकिन कोरोना महामारी आने के कारण उनका यह कोर्स बीच में ही छूट गया। उसी दिन से उन्होंने कुछ अलग करने का सोचा तो इस ओर ध्यान दिया तो सोच लिया कि अब हर विकलांग की दशा और दिशा दोनों बदलनी हैं इसी को लेकर उन्होंने अपने इस अभियान की शुरुआत की है।