सार

राजस्थान में एक अनोखा मंदिर है जहाँ कुत्ते की पूजा होती है। यह मंदिर लोक देवता पीथा बाबा के कुत्ते को समर्पित है जिसने स्वामीभक्ति में अपनी जान दे दी। लोगों की मान्यता है कि यहाँ अगरबत्ती जलाने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

राजस्थान में भगवान नहीं कुत्ते की पूजा,पढ़िए पूरा मामला...

जयपुर. आमतौर पर कुत्तों को गली में घूमते हुए या ज्यादा से ज्यादा लोगों के द्वारा घरों में पालते हुए देखा जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कहीं पर कुत्तों की पूजा भी होती है। सुनने में आपको यह बहुत अजीब लगेगा लेकिन राजस्थान में हकीकत में कुत्ते की पूजा होती है। बकायदा यहां कुत्ते का मंदिर भी है। जहां केवल अगरबत्ती जलाने से ही मनोकामना पूरी हो जाती है।

रोजाना हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते

हम बात कर रहे हैं राजस्थान में स्थित कुत्ते के मंदिर की। जो लोक देवता पीथा बाबा के कुत्ते का मंदिर है। इस कुत्ते ने स्वामी भक्ति के चलते अपनी जान दे दी थी। इसका मंदिर जयपुर में सांभर से फुलेरा जाने वाली सड़क पर बना हुआ है। जहां रोजाना हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।

राजस्थान में भगवान नहीं कुत्ते की पूजा

दरअसल पीथा बाबा हमेशा भगवान की भक्ति करते रहते थे। चाहे घर का काम हो या कोई खेती उस दौरान भी वह भगवान का ही स्मरण करते रहते। इसलिए उन्होंने एक कुत्ता रखा हुआ था। लेकिन बाबा की सांभर जाने वाले रास्ते पर एक लुटेरे ने हत्या कर दी थी। इसकी सूचना सबसे पहले कुत्ते ने ही घर पर दी।

इसलिए बनवाया गया था कुत्ते का मंदिर

बाबा की मौत के बाद इस कुत्ते की भी मौत हो गई। ऐसे में कुत्ते का भी मंदिर बनवाया गया। पीथा बाबा के दर्शन के लिए जो लोग यहां पर आते हैं वह इस कुत्ते के मंदिर में भी दर्शन पूरे करके जाते हैं। इस मंदिर का निर्माण स्थानीय भामाशाहों के द्वारा करवाया गया है। स्थानीय लोग बताते हैं कि इस मंदिर में पूजा अर्चना को लेकर मानता है कि यहां परिक्रमा लगाने और अगरबत्ती जलाने से कोई भी मनोकामना पूरी हो जाती है। कई लोगों के काम यहां पर बन चुके हैं। ऐसे में लगातार इस मंदिर की मान्यता बढ़ती जा रही है।