सार
राजस्थान के सीकर जिले में रविवार को ऐसा हादसा हुआ कि यूपी के मेरठ का रहने वाला पूरा परिवार खत्म हो गया। कार में सवार 7 लोग मन्नत पूरी होने पर सालासार मंदिर जा रहे थे, लेकिन पहुंचने से पहे सातों की मौत हो गई।
मेरठ/जयपुर. उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित कृष्णा निवास में मातम छाया हुआ है । परिवार के और रिश्तेदारी के कई लोग राजस्थान के सीकर जिले में आए हुए हैं । यहां से सात लाश से लेकर जा रहे हैं। इनमें 4 साल की रिदिशा, 7 साल की सिद्धीक्षा, 55 साल की उनकी दादी नीलम, नीलम का बेटा मुकेश , उसकी पत्नी मंजू , मुकेश का चचेरा भाई हार्दिक, हार्दिक की पत्नी स्वाति और स्वाति की दोनों बेटियां शामिल है।
पूरे परिवार में से कोई नहीं बचा जिंदा...
मुकेश और हार्दिक चचेरे भाई हैं । परिवार मेरठ में एक ही घर में ऊपर नीचे की मंजिल में रहता है। हार्दिक घर का बड़ा बेटा था । उसका रेडीमेड का काम था । तीन बहने हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। मुकेश की एक बहन है , जिसकी शादी भी कुछ समय पहले कर दी गई है।
जिस बच्चे के लिए मांगी थी मन्नत...उसी के सामने मौत
हार्दिक के के ताऊ का कहना है हार्दिक हमारे घर का बड़ा बेटा था । सब कुछ वही देखाता था। 8 साल पहले हार्दिक ने मन्नत मांगी थी बच्चों के लिए । राजस्थान में माता के मंदिर जाकर वापस लौटना था । लेकिन 8 साल से किसी न किसी कारण से हर बार नवरात्रि में माता के जाना टल रहा था। इस बार परिवार के लोगों ने पूरी तैयारी करी थी और सब लोग कार से रवाना हो गए थे। हमने घर में माता की चौकी लगाई थी और उनका इंतजार ही था। आज सवेरे उन्हें लौटना था , लेकिन किसे पता था वह लाश बनकर लौटेंगे।
गोद में बच्ची को लिए चीखे जा रही थी मां...
चूरू के फतेहपुर में हुए इस सड़क हादसे के बारे में मौके पर मौजूद एक चश्मादीद ने पुलिस को बताया कि कार में बैठे हुए लोग मदद के लिए हमें बुला रहे थे । एक महिला जिसकी गोद में दो बच्चियों थी , दोनों रोए जा रही थी । लेकिन हम कुछ नहीं कर सके। कार अंदर से लॉक थी । जब तक मदद मिल पाती तब तक सभी लोग जीवित जल चुके थे, उनकी चीखें अभी भी गूंज रही थी ।
वो फूल सी बच्ची सबकी लाडली थी...
हार्दिक के ताऊ ने बताया कि अभी 10 दिन पहले ही छोटी बेटी को स्कूल में एडमिशन दिलाया था। उसे ले जाने और वापस लाने के लिए घर में होड़ मचाती थी, क्योंकि वह सब की लाडली थी ।अब वही हमारे बीच में नहीं है।