समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ अखिलेश यादव से लखनऊ में मिले। महीने भर में यह उनकी दूसरी मुलाकात है, जिससे सपा में गिले-शिकवे दूर होने और मेल-मिलाप की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और कभी पार्टी के मजबूत स्तंभ रहे आजम खान एक बार फिर चर्चा में हैं। अपने बेटे अबदुल्लाह आजम के साथ वह गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने उनके लखनऊ स्थित आवास पहुंचे।यह मुलाकात पिछले एक महीने के भीतर दोनों के बीच दूसरी अहम बैठक है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं, क्या आजम खान और अखिलेश यादव के बीच की राजनीतिक दूरियां अब खत्म हो रही हैं?

‘मेल-मिलाप’ की शायरी के साथ अखिलेश ने दी संकेत

अखिलेश यादव ने अपनी मुलाकात की तस्वीरें X (ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा,

न जाने कितनी यादें संग ले आए जब वो आज हमारे घर पर आए! ये जो मेलमिलाप है, यही हमारी साझा विरासत है।

इस पोस्ट को देखकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हैं कि सपा में अब पुराने रिश्तों की गर्माहट लौटती दिख रही है।

Scroll to load tweet…

यह भी पढ़ें: वाराणसी को मिलेगी बड़ी सौगात: पीएम मोदी देने जा रहे हैं 4 नई वंदे भारत ट्रेनों का तोहफा

सपा का सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं आजम खान

आजम खान को सपा का सबसे प्रभावशाली मुस्लिम चेहरा माना जाता है। 23 महीने की जेल यात्रा के बाद सितंबर में रिहा होने के बाद से ही उनके बयानों ने सियासी गलियारों में हलचल मचा रखी थी। कहा जा रहा था कि वे अखिलेश यादव से नाराज़ हैं और पार्टी नेतृत्व से दूरी बना रहे हैं।

दूसरी पार्टी में जाने की चल रही थीं अटकलें

रिहाई के बाद उनके कुछ बयानों ने यह संकेत भी दिए कि वे सपा छोड़ सकते हैं। कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना था कि आजम खान बसपा (BSP) या किसी अन्य दल की ओर रुख कर सकते हैं। यहां तक कि मायावती से उनकी गुप्त मुलाकात की भी खबरें आई थीं। हालांकि, बाद में मायावती ने लखनऊ में हुई रैली में इन खबरों को सिरे से “अफवाह” बताया था।

गुप्त यात्रा के बाद लखनऊ में हुई मुलाकात

6 नवंबर की सुबह आजम खान अचानक लखनऊ पहुंचे। उनका ठहराव और शेड्यूल पूरी तरह गोपनीय रखा गया। लेकिन जैसे ही कुछ स्थानीय नेता उनसे मिलने पहुंचे, खबर तेजी से फैल गई कि आजम खान राजधानी में हैं, और अखिलेश यादव से मुलाकात तय है।

एक महीने में दूसरी अहम मुलाकात

यह मुलाकात अहम इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि 8 अक्टूबर को अखिलेश यादव रामपुर जाकर आजम खान से मिले थे।उस समय आजम ने स्पष्ट कहा था —

आप अकेले आइए, कोई दूसरा साथ न लाएं।

अखिलेश यादव ने उनकी बात मानी और एकांत में मुलाकात की थी। अब लखनऊ में दूसरी बैठक ने यह साफ कर दिया है कि दोनों नेताओं के बीच बर्फ पिघलने लगी है।

रामपुर टिकट विवाद से शुरू हुई थी नाराजगी

 बताया जाता है कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान की राय को दरकिनार कर मोहिबुल्ला नदवी को टिकट देने से वे नाराज़ हुए थे। इसके बाद उन्होंने कई बार पार्टी नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष प्रहार भी किए। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आजम खान जैसे वरिष्ठ नेता का असंतोष सपा को भारी नुकसान पहुंचा सकता था।

अब सपा में एकता की नई उम्मीद

अखिलेश यादव की पहल और आजम खान की प्रतिक्रिया से यह माना जा रहा है कि सपा में मेल-मिलाप की नई शुरुआत हो रही है। अगर दोनों के बीच रिश्ते सुधरते हैं, तो 2027 विधानसभा चुनाव से पहले सपा को संघटनात्मक मजबूती मिल सकती है।

यह भी पढ़े: UP में जैश-ए-मोहम्मद का नेटवर्क? निजी अस्पताल में काम करता था डॉक्टर, सहारनपुर से गिरफ्तार